मोतिहारी: लोग हंगामा और तोड़ फोड़ करते वक्त यह भूल जाते है कि आगे अंजाम क्या होगा और जब कानून का हंटर चलता है तो कानून तोड़ने वालों की शामत आ जाती है.  ऐसा ही कुछ मोतिहारी में होता हुआ दिखाई दे रहा है. मोतिहारी में ढाका अनुमंडलीय अस्पताल में बीते हुए हंगामा को लेकर स्वास्थ्य महकमा भी एक्शन के मूड में है. दरअसल ढाका के अनुमंडलीय अस्पताल में चार लोगों को लाया गया था. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर थे और ना ही ऑक्सीजन जिस वजह से चारों की मौत हो गई. उसके बाद उग्र भीड़ ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल के आसपास के इलाकों को बंधक बना लिया और जमकर तोड़ फोड़ के साथ आगजनी किया था.


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वहीं मोतिहारी के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ श्रवण पासवान ढाका के अनुमंडलीय अस्पताल में पहुंचकर अस्पताल पर लगे आरोपों की जांच की. सीसीटीवी फुटेज को देखा गया कि जब चारों व्यक्ति को लाया गया था तब अस्पताल में डॉक्टर मौजूद थे या नहीं. इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन ने अस्पताल के कर्मियों को भी खूब हड़काया.  प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा कि अगर कोई गायब पाया गया या कोई शिकायत आई तो मलेरिया और मियादी दोनों आप लोगो का छुड़ा देंगे. प्रभारी सिविल सर्जन के जांच में यह बात सामने आया कि डॉक्टर और एएनएम अस्पताल में मौजूद थे और वो इलाज की कोशिश कर रहे थे पर भीड़ हमलावर हो गई. जिससे सभी को जान बचाने के लिए हटना पड़ा था.


अस्पताल को क्लीन चिट मिलने के बाद उपद्रवियों पर एक साथ तीन तीन एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. मजिस्ट्रेट के आवेदन पर 54 नामजद और 500 अज्ञात के विरुद्ध ढाका थाना में एफआईआर दर्ज हो गया है. दूसरी तरफ ढाका अनुमंडलीय अस्पताल ने भी ढाका थाना में अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है. इधर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक ने भी अपने आवास और क्लीनिक पर हुए तोड़ फोड़ को लेकर शिकारगंज थाना में एक आवेदन दिया है. यानी अब उपद्रवियों को तीन तीन एफआईआर का सामना करना पड़ेगा.


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