`बालिका वधू` बनने से बच गई 15 साल की मासूम, हो चुका था सौदा, ये है पूरा मामला
आजकल सोशल मीडिया और मोबाइल फोन ये दो चीजें ऐसी हैं जो आपके लिए जितनी सुविधा देनेवाली हैं आपको बता दें कि इसकी वजह से आपकी जिंदगी की मुसीबतें भी उतनी ही बढ़ जाती हैं. ऐसे में कहा भी जाता है कि इसके इस्तेमाल को बहुत सोच समझ कर करना चाहिए.
Human Trafficking: आजकल सोशल मीडिया और मोबाइल फोन ये दो चीजें ऐसी हैं जो आपके लिए जितनी सुविधा देनेवाली हैं आपको बता दें कि इसकी वजह से आपकी जिंदगी की मुसीबतें भी उतनी ही बढ़ जाती हैं. ऐसे में कहा भी जाता है कि इसके इस्तेमाल को बहुत सोच समझ कर करना चाहिए. ऐसे में इस बार जो कहानी आपके सामने है वह बिहार की है, जो शुरू तो दरभंगा से होती है और इसके तार सीधे पूर्णिया से जुड़ जाते हैं. इस कहानी में अगर सही समय पर सबकुछ एकदम सही नहीं हुआ होता तो एक मासूम बालिका बधु बन गई होती और उसका सौदा भी हो गया होता.
बता दें कि इस कहानी में मिस्ड कॉल ने अपनी भूमिका अदा की जहां एक 40 वर्षीय शादी शुदा आदमी से एक 15 साल की मासूम को प्यार हो जाता है. इस दौरान प्यार का वह घिनौना खेल खेला जाना होता है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. मासूम को प्यार के जाल में फंसाने के बाद वह अधेड़ आदमी उसका 4 हजार में दूसरी जगह शादी करना के लिए सौदा भी कर देता है. इस सब के बीच चाइल्ड लाइन को पूरे मामले की भनक लगती है और फिर पूरी कहानी ही पलट जाती है.
बता दें कि पूर्णिया के अमौर के रहनेवाले 40 वर्षीय रोजिद बोस्ता से एक 15 साल की दरभंगा की रहनेवाली मासूम बच्ची को प्यार हो जाता है. यह प्यार एक मिस्ड कॉल से शुरू होता है और फिर धीरे-धीरे परवान चढ़ता है. बच्ची जिसे प्यार समझ रही होती है उसके पीछे एक घिनौना काला राज छुपा होता है. बता दें कि वह रोजिद बोस्ता इसके बाद लड़की को बहला-फुसलाकर दरभंगा में बस अड्डे पर बुलाता है और वहां एस एक लॉज लेकर जाता है जहां पूरी रात उसके साथ यौन शोषण करता है.
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उसके बाद वह बच्ची को अगली सुबह वहां लेकर जाता है जहां उसका सौदा करना होता है. इसी बीच वहां पुलिस की टीम पहुंच जाती है और बच्ची का रेस्क्यू करती है. इसके बाद रोजिद बोस्ता के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है. नाबालिग बच्ची के बारे में पुलिस परिजनों को जानकारी देती है और उसका मेडिकल जांच करा रही है.
चाइल्ड लाइन की तरफ से जानकारी की मानें तो इसकी गुप्त सूचना के आधार पर उनकी टीम सक्रिय हो जाती है. इसके बाद केहाट थाना पुलिस को सूचना मिलती है जो एक्टिव हो जाती है. इसके बाद बच्ची को उस दरिंदे के चेंगुल से बचाया जाता है.