Jharkhand Crime: नक्सलियों ने मोबाइल टावर किया क्षतिग्रस्त, पोस्टर चिपका कर पुलिस कार्रवाई का किया विरोध
Jharkhand Crime: पश्चिम सिंहभूम जिले में फिर एक बार नक्सलियों ने उत्पात मचाया है. नक्सलियों ने जिले के सुदूरवर्ती गोईलकेरा थाना क्षेत्र के पांडुग गांव में एक मोबाइल टावर को क्षतिग्रस्त कर उसमें आग लगा दी है. घटना मंगलवार देर शाम की बताई जा रही है.
पश्चिम सिंहभूम:Jharkhand Crime: पश्चिम सिंहभूम जिले में फिर एक बार नक्सलियों ने उत्पात मचाया है. नक्सलियों ने जिले के सुदूरवर्ती गोईलकेरा थाना क्षेत्र के पांडुग गांव में एक मोबाइल टावर को क्षतिग्रस्त कर उसमें आग लगा दी है. घटना मंगलवार देर शाम की बताई जा रही है. जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया है की नक्सलियों ने मोबाइल टावर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. पूरे मामले की जांच और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. इधर गांव से जानकारी मिल रही है की नक्सलियों ने मोबाइल टावर को क्षतिग्रस्त कर उसके सोलर पावर सिस्टम में आग लगा दी है. साथ ही इलाके में पोस्टर चिपका कर पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया है.
नक्सलियों ने पेसा कानून, सीएनटी, एसपीटी एक्ट व 1932 खतियान लागू करने की भी मांग की है. नक्सलियों की धमक और हिंसक वारदात से गांव में दहशत व्याप्त है. मालूम रहे की इन दिनों गोईलकेरा थाना क्षेत्र के जंगली ईलाकों में माओवादी और उनके कई बड़े नेता के छिपे होने ख़ुफ़िया जानकारी पुलिस के पास है. जिसको लेकर इलाके में पुलिस लगातार नक्सलियों की तलाश में सर्च अभियान चला रही है. पुलिस के दबिश को रोकने के लिए लगातार नक्सली हिंसक वारदात को अंजाम देकर इलाके में खौफ का साम्राज्य कायम कर रहे हैं. जानकारी यह भी मिली है की नक्सलियों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया मोबाइल टावर अर्ध निर्मित था, 90 प्रतिशत मोबाइल टावर लगाने का काम पूरा हो चुका था. लेकिन टावर को चालू होने से पहले नक्सलियों ने उसे क्षतिग्रस्त कर दिया.
पश्चिम सिंहभूम का पांडुग गांव सबसे पिछड़ा और सुदूरवर्ती जंगल में बसा एक गांव है. जिला प्रशासन और पुलिस की कोशिश है की इस तरह के सुदूरवर्ती गांव को दूर संचार से जोड़कर वहां विकास की रौशनी पहुंचाई जाए. जिसको लेकर जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण ईलाकों में बड़े पैमाने पर मोबाइल टावर लगाये जा रहे हैं. लेकिन अब इन्हीं मोबाइल टावर को लगने से पहले नक्सलियों द्वारा टारगेट किया जा रहा है.
इनपुट- आनंद प्रियदर्शी