Bihar Crime: कौन था छोटे सरकार, जिसकी कोर्ट में गोली मारकर की गई हत्या
बिहार में कोर्ट परिसर में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे प्रदेश में हंगामा मचा दिया है. दरअसल यहां शुक्रवार को दानापुर कोर्ट परिसर में छोटे सरकार नाम के अपराधियों को गोलियों से भून दिया. इस घटना में पुलिस ने दो गोली चलाने वाले हमलावर को गिरफ्तार कर लिया.
Bihar Crime: बिहार में कोर्ट परिसर में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे प्रदेश में हंगामा मचा दिया है. दरअसल यहां शुक्रवार को दानापुर कोर्ट परिसर में छोटे सरकार नाम के अपराधियों को गोलियों से भून दिया. इस घटना में पुलिस ने दो गोली चलाने वाले हमलावर को गिरफ्तार कर लिया. जिनसे पुलिस ने पिस्टल और गोली के खोखे बरामद किए हैं.
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अब आपको बता देते हैं कि कोर्ट परिसर में जिस छोटे सरकार की हत्या हुई वह कौन था? तो आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि बिहार पुलिस के लिए छोटे सरकार कोई नया नाम नहीं था. उसके ऊपर पूर्व एमएलए की बेटी पर गोली चलाने का आरोप था. वह बिहार के कई जिलों में पुलिस के निशाने पर था और इस नाम का खौफ बिहार में लोगों के बीच था.
छोटे सरकार के नाम डेढ़ दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे. उसे पटना के बेऊर जेल से दानापुर लाया गया था. बिहटा में उसके ऊपर कई आपराधिक घटनाएं दर्ज थे. वह बिहटा थाने का रहनेवाला था. उसके पिता का नाम राजन सिंह था. जबकि छोटे सरकार का असली नाम अभिषेक था. वह कई हत्याकांड का आरोपी था. कई हत्याओं में वह शामिल था ऐसे में उसे छोटे सरकार के नाम से जाना जाने लगा. वह अपने परिवार में तीन भाइयों में सबसे छोटा था.
केवल बिहटा थाने में छोटे सरकार के ऊपर बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज थे. वह नौबतपुर, मसौढ़ी एवं जहानाबाद में हत्या का आरोपी था. वह बिहार के सबसे खूंखार सुपारी किलर में शुमार था. पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के परिजनों की हत्या के आरोप में लोगों को छोटे सरकार ने हत्या कर दी थी. इन सारी हत्याओं में उसके ऊपर सुपारी लेने का आरोप था.
बता दें कि मढौरा के पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा ने अपनी ही बेटी की हत्या की साजिश रची थी. जिसके लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी जो छोटे सरकार को ही मिली थी. जिसमें विधायक की बेटी पर गोली चलाने का आरोप छोटे सरकार पर था. इसी मामले में छोटे सरकार की गिरफ्तारी उसके दो साथियों के साथ हुई थी.
छोटे सरकार के बारे में कहा जाता है कि वह जिसको भी गोली मारता था उसकी कनपटी पर ही निशाना साधता था. मतलब जो भी उसके अपराध का शिकार हुआ उसके बचने की संभावना नहीं थी. इसके साथ ही वह बिहार के कई चर्चित हत्याकांड में भी शामिल था. दानापुर में इसी छोटे सरकार को कोर्ट परिसर में गोलियों से भून दिया गया.