बेगूसराय : बिहार में अस्पतालों में अनियमितता का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसकी वजह से आए दिन लोगों की जान जाने की खबर भी सामने आती रहती है. आपको बता दें कि हाल ही में मुजफ्फरपुर से एक ऐसी घटना की खबर आई जिसमें ऑपरेशन के नाम पर मानव अंगों की तस्करी का खुलासा हुआ. इस घटना में महिला की दोनों किडनी निकालने का मामला सामने आया है. वहीं एक और घटना में अस्पताल के कर्मी और डॉक्टर आलमारी की चाभी खोजते रहे और सर्पदंश के दर्द से कराह रही महिला की मौत हो गई. 


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ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की मौत 
बता दें कि इस तरह की तमाम घटनाओं की सूचना हर रोज यहां से आती रहती है. कमोबेश ये हालत बिहार के हर जिले की है. यहां लगभग हर जिले से इस तरह की घटनाओं की सूचना आती रहती है. ऐसे में आज जो खबर आई है वह बेगूसराय से आ रही है. बेगूसराय में एक निजी अस्पताल में प्रसव के लिए ऑपरेशन करने के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया. बाद में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया है. 


परिवार का आरोप बिना सहमति के ही कर दिया गया ऑपरेशन 
बताया जाता है कि नावकोठी थाना क्षेत्र के हसनपुर बागर गांव निवासी स्टालिन राम की पत्नी रंजना देवी को लाइफ केयर ट्रामा सेंटर अस्पताल मंझौल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि बिना परिवार के सहमति के ही ऑपरेशन करने से जच्चा और बच्चा की मौत हो गई. इतना ही नहीं मौत के बाद बच्चे के शव को अस्पताल के बाहर ही छोड़ दिया और महिला को आईसीयू में भर्ती कराने के नाम पर बेगूसराय में रात भर लाश को लेकर जहां-तहां घुमाते रहे. इसके बाद अंत में अस्पताल के स्टाफ एंबुलेंस से महिला के शव को घर हसनपुर बागर भेज दिया गया. 


इस घटना से परिजनों में काफी आक्रोश दिखा, परिजनों ने अस्पताल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया. हंगामे के बाद अस्पताल के सभी चिकित्सक और कर्मचारी अस्पताल में ताला लगाकर फरार हो गए. घटना की सूचना पर मंझौल थाना पुलिस ने जच्चे-बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया है. अब जांच में ही स्पष्ट होगा कि आखिर जच्चे-बच्चे की मौत किस वजह से हुई या फिर डॉक्टर की लापरवाही से दोनों की मौत तो नहीं हुई है. 
(रिपोर्ट- राजीव कुमार)


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