अलग मिथिलांचल राज्य की मांग को लेकर MSU कार्यकर्ता करेंगे संसद का घेराव
मिथिलांचल राज्य की मांग को लेकर एमएसयू कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिहार के करीब बीस जिला मिथिलांचल के क्षेत्र में आते हैं. जिसमें मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, कटिहार, अररिया समेत कई अन्य जिले शामिल हैं.
मधुबनी : बिहार के मानचित्र पर एक और राज्य मिथिलांचल की मांग बार-बार तुल पकड़ती रहती है. हालांकि मिथिलांचल की मांग को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन बिहार से अलग मिथिलांचल और सीमांचल के गठन की मांग बार-बार सुर्खियों में रहती है.
मिथिला स्टूडेंट युनियन के छात्र मिथिलांचल की मांग को लेकर करेंगे संसद घेराव
इस बार मिथिलांचल राज्य की मांग को लेकर मिथिला स्टूडेंट युनियन के द्वारा 21 अगस्त को संसद घेराव को लेकर जयनगर, मधुबनी से सैकड़ों की संख्या में एमएसयू कार्यकर्ताओं का जत्था ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुआ है.
बिहार के करीब 20 जिले को इसमें शामिल कराने की मांग
मिथिलांचल राज्य की मांग को लेकर एमएसयू कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिहार के करीब बीस जिला मिथिलांचल के क्षेत्र में आते हैं. जिसमें मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, कटिहार, अररिया समेत कई अन्य जिले शामिल हैं.
MSU कार्यकर्ताओं का आरोप, केंद्र और राज्य सरकार मिथिला क्षेत्र के साथ करती है सौतेला व्यवहार
एमएसयू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिथिला क्षेत्र के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. मिथिला और मिथिलांचल के लोगों को बाढ़ और सुखाड़ में रखा गया है. भारत सरकार ने मिथिला क्षेत्र में विकास के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति करने का काम किया है.
मिथिलांचल के बनने से जुड़ा है मिथिला का विकास
एमएसयू के नेताओं ने कहा मिथिला राज्य बना तो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्योग लगेगा. मिथिला क्षेत्र के लोगों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. केन्द्र से मिथिला के नाम पर जो भी राशि भेजी जाती है उस राशि को मगध के क्षेत्रों में भेज दिया जाता है जिससे मिथिला का विकास नहीं हो पा रहा है.
ये भी पढ़ें- 3 महीने के भीतर होगा सर्वे, भूमिहीनों को 5 डिसिमिल जमीन दिए जाने की योजनाः राजस्व मंत्री