समस्तीपुर: मिथिलांचल के ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर से सकरी के बीच रेल परियोजना साढ़े चार दशक बाद भी पूरी नहीं हो सकी है. 76 किलोमीटर की इस रेल परियोजना को जल्द पूरा होने का इंतजार लोगों को है. रेल प्रशासन ने आगामी वित्तीय वर्ष में हसनपुर से बिथान तक रेल परिचालन का दावा किया है.


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हसनपुर से सकरी के लिए 1974 में छोटी लाइन का हुआ था शिलान्यास
इस रेल परियोजना का सपना भारत के पूर्व रेल मंत्री और मिथिलांचल के दिग्गज राजनेता स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा ने देखा था. जिसके बाद 1973 में इस रेल लाइन का सर्वे कराया और फिर 1974 में हसनपुर से सकरी के लिए छोटी लाइन का शिलान्यास किया गया, लेकिन उनके असमय मृत्यु के बाद रेल परियोजना का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.


दूसरी बार 1996 में पूर्व रेल मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान ने बड़ी लाइन का शिलान्यास किया . उन्होंने 1996 से 1997 के रेल बजट में सकरी  से हसनपुर रोड वाया कुशेश्वरस्थान मार्ग पर छोटी लाइन के बदले बड़ी रेल लाइन की स्वीकृति दी . उस समय 100 करोड़ की अनुमानित खर्च वाली इस परियोजना के लिए बजट में 3 करोड़ का प्रावधान भी किया गया . जिसके बाद भू अर्जन का कार्य शुरू हुआ. भू अर्जन और डिमार्केशन में ही 5 वर्ष बीत गए . वर्ष 2009 में  तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने सकरी से बिरौल तक ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया. उसके 10 साल बाद 2018 में यह रेल लाइन 8 किलोमीटर और आगे हरनगर तक पहुंची. जिसका उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा रिमोट से किया गया था, लेकिन उसके बाद यह रेल लाइन का कार्य आगे नहीं बढ़ सका .


कोसी और मिथिलांचल के विकास के लिए महत्वपूर्ण है परियोजना
कोसी और मिथिलांचल के विकास के लिए यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है. इस योजना के पूरा होने से दरभंगा, खगड़िया, सहरसा की दूरी जहां कम हो जाएगी. वहीं समस्तीपुर, खगड़िया रेलखंड का भी महत्व बढ़ जाएगा. हसनपुर से सकरी रेल परियोजना में कुल 10 स्टेशन हसनपुर ,बिथान ,कौराही ,हरनगर ,बिरौल,नेउरी,बेनीपुर,जगदीशपुर , कुशेश्वरस्थान ,और सकरी है. इसमें हसनपुर , बिथान और कौराही से हरनगर तक कार्य होना है. दरभंगा की तरफ से सकरी से हरनगर तक रेल लाइन पूरी हो चुकी है. समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल का बताना है कि सकरी से हसनपुर रेलखंड की परियोजना में हसनपुर बिथान के बीच इस वित्तीय वर्ष में काम को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कुशेश्वर स्थान के बीच वन विभाग की आपत्ति के कारण काम बाधित है. एनओसी मिलते ही आगे का काम भी पूरा कर लिया जाएगा.


इनपुट- संजीव नैपुरी


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