Infosys News: इंफोसिस की तरफ से फाइनेंशियल ईयर 2025 के सैलरी हाइक को मौजदूा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक के लिए टाल दिया गया है. इससे पहले कर्मचारियों की वेतन वृद्धि नवंबर 2023 में की गई थी.
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Infosys Salary Hike: आईटी सेक्टर में चल रहा संकट जल्दी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने कर्मचारियों की सैलरी में होने वाली सालाना इंक्रीमेंट पोस्टपोन करने का फैसला किया है. मनीकंट्रोल में प्रकाशित खबर के अनुसार सैलरी हाइक को फाइनेंशियल ईयर 2025 की चौथी तिमाही तक के लिए टाल दिया गया है. इससे पहले कंपनी की तरफ से सैलरी में बदलाव नवंबर 2023 में किया गया था. साल की शुरुआत में सैलरी हाइक के चलन से अलग इस देरी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता से आईटी सेक्टर में चुनौतियां बनी हुई हैं.
इन कंपनियों ने भी टाला सैलरी हाइक
कई बड़ी आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक्नोलॉजी (HCL Tech), एलटीआई माइंडट्री (LTIMindtree) और एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (L&T Technology Services) ने भी कर्मचारियों के सैलरी हाइक को स्थगित कर दिया है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उनके कस्टमर के पास भी कम बजट है और बहुत सावधानी से खर्च कर रहे हैं. इसके अलावा दुनियाभर में आर्थिक स्थितियां ठीक नहीं हैं. कंपनियों की कोशिश है कि सैलरी हाइक को टालने से कंपनियों को मुनाफा बनाए रखने और खर्चों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. हालांकि देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस की तरफ से इस बारे में कोई अपडेट नहीं है.
सैलरी हाइक सिस्टेमेटिक तरीके से लागू किया जाएगा
इंफोसिस की तरफ से पहले ही बताया गया था कि सैलरी हाइक को सिस्टेमेटिक तरीके से लागू किया जाएगा. कंपनी के सीएफओ जयेश संघराजका ने बताया कुछ कर्मचारियों को जनवरी से सैलरी हाइक मिलने वाली है, जबकि बाकी कर्मचारियों को अप्रैल 2025 में सैलरी हाइक मिलेगा. इंफोसिस ने दूसरी तिमाही में 2.2 प्रतिशत का मामूली प्रॉफिट दर्ज किया है. कंपनी का कुल मुनाफा 6,506 करोड़ रुपये रहा, जो बाजार की उम्मीदों से कम रहा. हालांकि, कंपनी ने अपने मुनाफे के मार्जिन में थोड़ा सुधार किया. यह कम लागत, संसाधन उपयोग और बेहतर कार्यप्रणाली के कारण संभव हो सका है.
कंपनी के मुनाफे के मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है
हालांकि अभी सैलरी रिवाइज नहीं की गई है. फिर भी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जानकारों का मानना है कि दिसंबर तिमाही में कंपनी के मुनाफे के मार्जिन पर दबाव बढ़ सकता है. इसका अहम कारण छुट्टियों के कारण काम के दिनों में कम काम होना है. हालांकि, बेहतर मूल्य निर्धारण, सबकॉन्ट्रैक्टर खर्च में कटौती और इंफोसिस की लागत-दक्षता पहल, प्रोजेक्ट मैक्सिमस जैसे कारणों से मुनाफे के मार्जिन में होने वाली संभावित कमी को कम किया जा सकता है.
प्रोजेक्ट मैक्सिमस का मकसद ऑपरेशन प्रॉफिटेबिलिटी को बढ़ाना है. इंफोसिस की मार्जिन मैनेजमेंट स्ट्रेटजी का एक अहम हिस्सा बन गया है. कर्मचारियों के दृष्टिकोण से मौजूदा समय में जॉब मार्केट स्थिर है. इसलिए सैलरी हाइक में देरी से नौकरी छोड़ने की चिंता कम हो गई है. कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अभी भी सैलरी हाइक दी जा रही है, क्योंकि इन क्षेत्रों में प्रतिभाशाली लोगों को बनाए रखना बहुत अहम है.