इंद्रधनुषों की संख्या में हो रहा इजाफा, जलवायु परिवर्तन को लेकर खतरनाक संकेत: शोध
वैज्ञानिकों ने हाल ही में दुनियाभर में बनने वाले इंद्रधनुषों पर शोध किया है. जिसमें चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है. जिससे पता चला है कि बदलते मौसम के साथ इंद्रधनुषों की संख्या में भी तेजी आई है.
पटना: लाल ग्रह मंगल की धरती वीरान हो गई और शुक्र का पारा सातो असमान पर कर गया. इन दोनो ग्रहों में इतनी बड़ी वैश्विक आपदा कब, कैसे और क्यों आ गई, कोई नही जानता. हमारी हरी भरी पृथ्वी पर कोई ऐसी आपदा न आए, इसके लिए हमें भी गंभीर तो होना ही पड़ेगा. इसकी बड़ी वजह वैश्विक ताप है, जो निरंतर धरती में एक छोर से दूसरे हिस्से तक पैर पसारने में लगा हुआ है. इसके खतरनाक संकेत तेजी से बदलती जलवायु परिवर्तन में नजर आने लगे हैं. अब जलवायु परिवर्तन का एक संकेत इंद्रधनुषों में भी नजर आने लगा है.
वैज्ञानिकों ने हाल ही में दुनियाभर में बनने वाले इंद्रधनुषों पर शोध किया है. जिसमें चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है. जिससे पता चला है कि बदलते मौसम के साथ इंद्रधनुषों की संख्या में भी तेजी आई है. जिसमें अब तक 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी है. हालांकि इंद्रधनुष की वृद्धि से हमें कोई खतरा नहीं, लेकिन मनमोहिनी सुंदरता वाले कुदरत की यह सुंदर घटना हमें शायद चेता रही है.
जलवायु परिवर्तन का बड़ा असर
यह वास्तव में दिल को छू लेने वाली खबर है. हवाई में इंद्रधनुष बड़ी संख्या में बनते हैं. मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इंद्रधनुष पर शोध कर रहे हैं. इस अध्ययन से दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं. जिससे पता चला कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में कई जगहों पर अधिक इंद्रधनुष पैदा होंगे और पिछले साल 2100 तक, पिछले दो दशक में पृथ्वी पर औसत लगभग 5 प्रतिशत अधिक वृद्धि हो चुकी है.
तापमान बढ़ने से बर्फ कम गिर रही है
उत्तरी अक्षांश और बहुत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में, जहां तापमान बढ़ने से बर्फ कम गिर रही है, तो ऐसे स्थानों मे बारिश की मात्रा में वृद्धि हो रही है. इसका असर इंद्रधनुष पर पड़ेगा. यानी अधिक इंद्रधनुष बनेंगे. साथ ही, भूमध्यसागरीय प्रदेशों में संभवत: इंद्रधनुष बनने ही बंद हो आएं.
पीयर-रिव्यू जर्नल ग्लोबल एनवायरनमेंटल चेंज में प्रकाशित शोध हुआ जिसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन व इंद्रधनुष के बीच संबंध इंद्रधनुष तब बनता है, जब सूर्य का प्रकाश आकाश में पानी की बूंदों के माध्यम से अपवर्तित होता है. जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर वर्षा और मेघ आवरण के पैटर्न और मात्रा को बदल रहा है. इन दो तथ्यों के आधार पर यह शोध किया गया.
भारी संख्या में इंद्रधनुष
हवाई में भारी संख्या में इंद्रधनुष बनते हैं और इस क्षेत्र को अध्ययन के लिए चयन किया गया. जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन सर्वव्यापी हैं. क्योंकि इनमें से अधिकांश अध्ययन यह देखते हैं कि पृथ्वी और मनुष्यों का जीवन सीधे कैसे बदलेगा. लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका को कैसे प्रभावित करता है, लेकिन इंद्रधनुष के अध्ययन ने शोधकतार्ओं को यह जांचने का मौका दिया कि जलवायु परिवर्तन हमारे पर्यावरण के सौंदर्यशास्त्र को कैसे प्रभावित करेगा. इंद्रधनुष केवल वैज्ञानिक तत्वों के एक साथ आने का परिणाम नहीं हैं, बल्कि वे पृथ्वी पर हमारे जीवन को एक भावनात्मक घटक प्रदान करते हैं.
इंद्रधनुष भविष्यवाणी मॉडल बनाया
दुनियाभर के इंद्रधनुषों को किया साझा शोधकतार्ओं ने दुनियाभर से इंद्रधनुष की तस्वीरें साझा की. जिसमें इंद्रधनुष की फोटो के साथ उस स्थान की वर्षा, बादल और सूर्य कोण के मानचित्रों के आधार पर एक इंद्रधनुष भविष्यवाणी मॉडल बनाया. फिर उन्होंने इस मॉडल का उपयोग पृथ्वी के महाद्वीपों पर वर्तमान और भविष्य के इंद्रधनुष की घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए किया. आने वाले समय में ज्यादा इंद्रधनुष देखने को मिलेंगे.
(आईएएनएस)