समस्तीपुर: समस्तीपुर जिले के शिक्षा विभाग में एक मामला सामने आया है, जिसमें 12 कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी गई है. इन सभी शिक्षकों पर लापरवाही का आरोप लगा है. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाने, शिक्षकों की समय की पाबंदी सुनिश्चित करने, छात्र उपस्थिति की निगरानी के लिए अधिकारियों और कर्मियों को निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही कुछ अधिकारियों को लापरवाही का मामला सामने आया है. विभाग की तरफ से जांच के आदेश जारी कर दिए गए है, जो भी दोषी पाया गया उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.


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डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने शिक्षा विभाग के 12 कर्मियों के कार्यों की समीक्षा की है और पाया कि इन लोगों ने 19 अप्रैल को निर्धारित रोस्टर के अनुसार विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया. इनमें प्रखंड परियोजना प्रबंधक और केआरपी शामिल हैं. उन्हें निरीक्षण तिथि का वेतन स्थगित कर दिया गया है. राज्य स्तरीय विभागीय समीक्षा के दौरान पाया गया कि 15 से 22 अप्रैल के बीच कई अधिकारियों और कर्मियों ने निरीक्षण तो किया, लेकिन ई-शिक्षा पोर्टल पर रिपोर्ट अधिकांश ने एंट्री नहीं की. इस पर मुख्य सचिव केके पाठक की कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई है. इसके बाद डीईओ ने सभी बीईओ और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को स्कूल निरीक्षण के बैकलॉग रिपोर्ट की एंट्री करने का निर्देश दिया है.


जानकारी के लिए बता दें कि अब से स्कूल निरीक्षण का नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. निरीक्षण के दिन सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर डेटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. मॉडल रोस्टर के अनुसार शत-प्रतिशत निरीक्षण का पालन किया जाएगा. बीईओ से अनुरोध किया गया है कि वे निरीक्षण रिपोर्ट को ई-शिक्षा पोर्टल पर दर्ज करें.


इनपुट- जीतेन्द्र चौधरी


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