Jharkhand: महिला आयोग ने नाबालिग लड़की को करवाया रेस्क्यू, सामने आया यह सच...
Jharkhand News: लड़की ने बताया कि उसे उसके गांव से दिल्ली काम दिलाने के बहाने लाया गया था. इस दौरान उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया गया. लड़की को सिखाया गया कि यदि कोई भी उससे उसकी उम्र पूछे तो उसे 18 वर्ष बताना है.
Ranchi: दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली के करोल बाग स्थित चन्ना मार्केट से झारखंड की रहने वाली एक नाबालिग लड़की को रेस्क्यू करवाया है. वह झारखंड के गुमला पालकोट इलाके की रहने वाली है. महिला आयोग ने एक ट्वीट का संज्ञान लेते हुए लड़की की तलाश की और उसे करोल बाग स्थित चन्ना मार्केट के एक घर से रेस्क्यू करवाया. ये ट्वीट झारखंड से किया गया था जिसमें झारखंड व दिल्ली पुलिस को टैग किया गया था.
लड़की ने बताया कि उसे उसके गांव से दिल्ली काम दिलाने के बहाने लाया गया था. इस दौरान उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया गया. लड़की को सिखाया गया कि यदि कोई भी उससे उसकी उम्र पूछे तो उसे 18 वर्ष बताना है. लड़की ने बताया कि वह पिछले 4 महीने से करोल बाग के इस घर में काम कर रही थी और इससे पहले एक और घर में उसने 4 महीने काम किया था लेकिन अब वापस अपने घर जाना चाहती है.
ये भी पढ़ें-Jharkhand: Pakur में मिले 'भगवान', मां और बच्चे की बचाई जान
Delhi Commission for Women की टीम ने लड़की को घर से बाहर निकलवाया और उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने प्रस्तुत करवाने के बाद शेल्टर होम में रखवाया गया. दिल्ली महिला आयोग इस बात का भी संज्ञान कर रहा है कि लड़की का नकली आधार कार्ड कैसे बनवाया गया.
आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि 'झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों से बच्चियों को बड़े स्तर पर प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा दिल्ली लाया जाता है. उन्हें अच्छी तनख्वाह का लालच देकर दिल्ली लाते हैं और उन्हें बुरे हालातों में बिना या बहुत कम पगार पर घरों में काम पर लगाया जाता है.'
उन्होंने कहा कि 'दिल्ली महिला आयोग ने अब तक ऐसी सैकड़ों लड़कियों को रेस्क्यू करवाया है. पिछले वर्ष भी हमने झारखंड की कई लड़कियों को वापस उनके गृह राज्य पहुंचाने में झारखंड सरकार की सहायता की थी. हमें इस बात की खुशी है कि आयोग ने ट्वीट का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और आयोग उस बच्ची को बचाने में सक्षम रहा.'
(इनपुट-आईएएनएस)