देवघर : झारखंड के श्रावणी मेले के दौरान बालश्रम, बाल शोषण से संरक्षण के प्रयास रंग लाते नजर आ रहे हैं. बाल दुर्व्यवहार से बच्चों को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने के उदेश्य से समय समय पर अभियान चलाए जाते हैं. इसी में प्रोजेक्ट पंछी के तहत जिला टास्क फोर्स को गठित किया था. फोर्स को श्रावणी मेले में बेहतरीन कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है.


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ताजा मामला देवघर के नगर थाना क्षेत्र के सिंघवा मोहल्ले का है. जहां पति पत्नी के झगड़े में तीन और पांच साल के दो बच्चों  को हाथ पैर बांधकर धूप में छोड़ दिया गया था. जिनको जिला प्रशासन की टास्क फोर्स ने रेस्क्यू किया था. देवघर डीडीसीए कुमार ताराचंद ने बताया कि पूरे श्रावणी मेले के दौरान यह टास्क फोर्स काम करती रही है. 


प्रोजेक्ट पंछी से संबंधित संस्थाएं कर रही काम
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट पंछी के तहत बाल श्रम को रोकने के लिए प्रयास करते रहते हैं. प्रोजेक्ट पंछी से संबंधित जितने भी संस्थाएं काम कर रही हैं उनको सम्मानित किया है. इसके अलावा देवघर डीडीसी कुमार ताराचंद ने कहा कि बाल संरक्षण के प्रोजेक्ट पंछी के तहत टास्क फोर्स द्वारा श्रावणी मेले के दौरान भी सराहनीय काम किया है. 


प्रोजेक्ट पंछी कार्यक्रम लगातार जारी रहेगा


ताराचंद ने बताया कि पूरे मेले में टीम ने पूरी तत्परतापूर्वक और कड़ी मेहनत से काम किया है. कठिन परिस्थितियों में पाए गए 131 बच्चों को राहत पहुचाने का काम किया है. इस पुनीत कार्य को शांतिपूर्ण तरीके से पूर्ण करने के लिए उन्होनें पूरी टीम को जिला प्रशासन की तरफ से धन्यवाद किया . डीडीसी ने कहा कि प्रोजेक्ट पंछी कार्यक्रम लगातार जारी रहेगा. ना सिर्फ मेले के दौरान बल्कि पूरे साल यह प्रोजेक्ट चलता रहेगा ताकि मासूम की जिंदगी से बचपन खो ना जाए. 


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