Ranchi: झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि एक व्यक्ति ने 12वीं कक्षा की जिस छात्रा को आग लगायी थी वह नाबालिग थी तथा उसने पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की. समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं कक्षा के अंकपत्र के अनुसार उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया. 


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दुमका सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने कहा, 'हम सिफारिश करते हैं कि प्राथमिकी में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून की धाराएं भी जोड़ी जाए क्योंकि हमारी जांच के मुताबिक लड़की नाबालिग थी." 


जानें क्या है मामला


बता दें कि दुमका के जरुआडीह मुहल्ले की रहने वाली अंकिता को उसी मुहल्ले में रहनेवाला शाहरुख नामक युवक पिछले कुछ महीनों से परेशान कर रहा था. उसने उसका मोबाइल नंबर कहीं से हासिल कर लिया था और उसे फोन पर बात करने और शादी के लिए दबाव डाल रहा था. अंकिता ने घरवालों ने एक बार शाहरूख को समझाया भी था, लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुईं. 


बीत 22 अगस्त की रात उसने अंकिता को फोन पर उसे जान से मारने की धमकी दी और कुछ ही घंटे बाद मंगलवार सुबह पांच जब घर के सभी लोग सो रहे थे, तभी शाहरुख ने कमरे में अकेले सो रही अंकिता पर खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी. जलती हुई अंकिता ने शोर मचाया तो घर के लोग जागे. उसने खिड़की से शाहरुख को पेट्रोल का केन लेकर भागते हुए देखा. तत्काल पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस ने शाहरुख को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था.


(इनपुट: आईएएनएस)