देवघर: देश में बाबा नगरी से प्रसिद्ध झारखंड के देवघर सावन में शिवभक्तों के स्वागत के लिए सजधज कर तैयार है. यहां बाबा बैद्यनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योर्तिलिंग में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है. सावन महीने में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त मनोकामना शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं. सोमवार को आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था 
देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेश द्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. झारखण्ड-बिहार की सीमा स्थित दुम्मा में राजकीय श्रावणी मेले का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बुधवार को किया. इस मौके पर सांसद निशिकांत दूबे भी उपस्थित रहे.


लोगों से सतर्क रहने की अपील
देवघर के उपायुक्त (जिलाधिकारी) मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से श्रावणी मेला नहीं लगा था, अब भी कोरोना की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ रही है लेकिन इस बार मेले का आयोजन हो रहा है. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि कोविड गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए बाबाधाम आयें और जलार्पण करें.


दो साल बाद लग रहा है मेला 
उन्होंने कहा कि देवघर जिला प्रशासन श्रावणी मेले में बाबाधाम कांवड लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि दो साल बाद मेला लग रहा है इसलिए इस बार अन्य सालों की तुलना में अधिक संख्या में कांवड़िये बाबाधाम आयेंगे. उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधा के साथ जलार्पण की व्यवस्था की गयी है. कांवड़िये आयें और संयम से रहें, सतर्कता बरतें और धैर्य के साथ कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करें, सबको बेहतर जलार्पण का अवसर मिलेगा. शौचालय, पेयजल, आवासन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.


सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रावणी मेले में कांवड लेकर बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को दुम्मा और खिजुरिया के बीच स्पीरिचुअल हॉल में सारी सुविधाएं मिलेंगी. जहां सभी आराम कर सकते हैं. मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए सभी प्रवेश द्वार पर डीएफएमडी और एचएचएमडी के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है. साथ ही मंदिर के अंदर निकास द्वार पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.
उन्होंने कहा कि मंदिर में वैध या अन्य सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी. शिवगंगा सरोवर सहित पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद है. इसके अलावा इंटीग्रेटेड पुलिस कंट्रोल रूम बनाये गये हैं, जहां से पूरे मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जाएगी.


विशेष बलों की तैनाती 
श्रावणी मेला के दौरान ड्रोन कैमरे और कमांड कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया जायेगा. सभी भीड़भाड़ वाले इलाके में विशेष बलों की तैनाती की गयी है. कांवड़िया पथ और मेला क्षेत्र में 21 अस्थायी थाना बनाया गया है. वहीं, 11 अस्थायी ट्रैफिक थाने भी बनाये गये हैं. भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.


लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव
उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है परंतु सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है. भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं. इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं.


इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं. कई श्रद्धालु वाहनों द्वारा भी सीधे बाबा नगरिया आकर जलाभिषेक करते हैं.


(आईएएनएस)