Bokaro: झारखंड के बोकारो में कैंसर पीड़ित आदिवासी ने मुख्यमंत्री से इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है. जिसके बाद बोकारो सिविल सर्जन ने पीड़ित की मदद की बात कही है. पीड़ित के पास इलाज के लिए पैसे नहीं है, जिसके कारण वह इलाज के लिए दर-दर भटक रहा था. 


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लगाए सिविल सर्जन ऑफिस के चक्कर
दरअसल, यह मामला बोकारो के गोमिया के धमधरवा गांव का है. यहां पर एक 55 वर्षिय ढेनाराम मांझी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित है. जिसको लेकर परिजनों के द्वारा कई जगहों, अस्पतालों में इलाज कराया गया है. लेकिन उसका कोई भी असर नहीं हुआ है. इसके साथ ही परिजनों से कैंसर का खर्च उठाना भारी पड़ रहा है. कैंसर पीड़ित ने सिविल सर्जन ऑफिस के चक्कर लगाए हैं लेकिन उसके बाद भी कैंसर की बीमारी में किसी भी प्रकार का कोई सुधार नहीं आया. 


इलाज के लिए बेच दिए मवेशी
सभी हालातों के बाद कैंसर पीड़ित ढेनाराम मांझी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, पीड़ित के बेटे ने बताया कि लगभग 2 महीने पहले ढेनाराम के चेहरे पर फुंसी हुई थी, जो कि कुछ समय में घाव में बदल गया. इसका इलाज कराने पर यह ठीक नहीं हुआ. रिम्स अस्पताल में घाव की जांच कराने पर पता चलता है कि वह कैंसर हैं. जिसके बाद रांची में कैंसर इलाज कराना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि कैंसर की दवाइयां बहुत महंगी हैं जिसके लिए मवेशी तक बेचने पडे़. हालांकि उसके बाद भी बीमारी में कोई सुधार नहीं हुआ. 


मुख्यमंत्री से लगाई मदद की गुहार 
जिसके बाद मुख्यमंत्री असाध्य रोग निधि लाभ के लिए बोकारो सिविल सर्जन ऑफिस में आवेदन जमा कराया है. आवेदन जमा कराए कई दिन चुके हैं.  कई बार ऑफिस के चक्कर लगाया लेकिन फंड उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर हर बार बार लौटा दिया जाता है.  इधर देर होने से बीमारी भी बढ़ती जा रही है,अनहोनी की भी चिंता सता रही है. जिसके बाद पीड़ित ढेनाराम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई है. जिस पर बोकारो सिविल सर्जन ने भी मदद की बात कही है.


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