गिरिडीह:Jharkhand News: शहर से सटे बक्सीडीह पंचायत के बेड़ा में समेकित बाल विकास सेवाएं के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 91 का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यहां के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं, स्थिति यह हो गई है कि जिस कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं और जहां बच्चों के भोजन बनाया जाता है वह कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और जगह-जगह से दीवारें फट गई है. केंद्र में बरसात के समय छतों से पानी गिरने लगता है. पिछले चार-पांच वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति यही है.


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कई बार यहां कि सेविका इस संबंध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से कई बार मिल चुकी है और उन्हें पूरे मामले से अवगत करा चुकी है. इसके बावजूद आंगनबाड़ी केंद्र के प्रति न तो विभाग का ध्यान जा रहा है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का, स्थिति यह हो गयी है कि आने वाले दिनों में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इस बाबत आंगनबाड़ी केंद्र बेड़ा क्रम संख्या 91 की सेविका चंपा देवी ने बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और यहां उन्हें बच्चों को बैठाने में डर लगता है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र तो आते हैं लेकिन उसके साथ उनके अभिभावक भी साथ में आते हैं और केंद्र के बाहर बैठे रहते हैं, ताकि कभी कोई बड़ा हादसा न हो जाए.


उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इस केंद्र में 25 बच्चे हैं लेकिन हर दिन मात्र 5 से 10 बच्चे हैं केंद्र पहुंचते हैं उनके साथ उनके अभिभावक भी मौजूद रहते हैं. बताया कि बच्चों के नहीं आने का मुख्य कारण जर्जर भवन है, ग्रामीणों को इस आंगनबाड़ी केंद्र में भेजने से डर लगता है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार विभागीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है, लेकिन विभाग इसके प्रति ध्यान नहीं देता है और न ही गंभीर है. लिहाजा उन्हें भी बच्चों को केंद्र में बुलाने में डर लगता है. इधर इस मामले को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद रामचंद्र हाजरा ने बताया कि उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है और उन्होंने भी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को इसके मरम्मत के लिए सूचना दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.


इनपुट- मृणाल सिन्हा


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