Jamtara: जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल्स ठगी के नये नुस्खे और तरीके इजाद करते रहे हैं. अब पुलिस ने तीन ऐसे साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने तमिलनाडु के लोगों से ठगी के लिए खास तौर पर तमिल भाषा सीखी. उन्होंने तमिलनाडु के सैकड़ों लोगों को झांसा देकर आठ से दस लाख रुपये की ठगी की है.


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पुलिस ने किये तीन आरोपी गिरफ्तार


गिरफ्तार किये गये क्रिमिनल्स के नाम शमशाद अंसारी, इकबाल अंसारी और शाहबाज अंसारी हैं. हालांकि इस गिरोह का सरगना गुड्डू अंसारी पुलिस की दबिश की खबर मिलते ही फरार हो गया. जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस के अनुसार तीनों सगे भाई हैं और जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना अंतर्गत बिहाजोरी गांव के रहने वाले हैं. हिंदी भाषी राज्यों के लोगों से ठगी के दौरान जल्द पुलिस की गिरफ्त में आने के खतरों को देखते हुए उन्होंने तमिलनाडु के लोगों को निशाना बनाने की योजना बनाई. 


गिरोह के मास्टरमाइंड गुड्डु अंसारी और शाहबाज अंसारी ने तमिलनाडु में रहकर वहां छोटे-मोटे काम किये और वहां की भाषा सीखी. इसके बाद जामताड़ा लौटकर सुनियोजित तरीके से वे तमिलनाडु के नंबरों पर कॉल कर संपर्क साधते थे. वे खुद को कभी कूरियर कंपनी तो कभी बैंक के कस्टमर केयर का अफसर बताकर लोगों से संपर्क साधते थे और उनसे अपने मोबाइल पर पांच रुपये का ट्रांजैक्शन लिंक भेजने को कहते थे. इसी लिंक के माध्यम से वे खास तौर पर बनाये गये सॉफ्टवेयर की मदद से लोगों के बैंक अकाउंट का डिटेल और पिन हासिल कर लेते थे और फिर उनके खाते से रकम उड़ा लेते थे.


चोरी के सिम से हो रहा था काम


पुलिस ने तफ्तीश में पाया है कि साइबर क्रिमिनल्स जिन मोबाइल नंबरों और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे, वे या तो चोरी के हैं या फिर फर्जी आईडी पर इश्यू करवाये गये हैं. इनके पास के 7 मोबाइल और 12 सिमकार्ड जब्त किये गये हैं. हालांकि इन क्रिमिनल्स के खिलाफ तमिलनाडु के किसी भुक्तभोगी ने एफआईआर नहीं कराई है, लेकिन साइबर पुलिस ने जांच के दौरान इन्हें पकड़ा. तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.


(इनपुट एजेंसी के साथ)