दुमका का एकमात्र पशु अस्पताल भगवान भरोसे! पशुपालकों को नहीं मिल रहा बेहतर चिकित्सा
Jharkhand News: झारखंड की उपराजधानी दुमका में बीते चार साल से बगैर पद सृजन के ही रेफरल पशु अस्पताल चल रहा है. क्षेत्रीय पशुपालन कार्यालय संथाल परगना के एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति से किसी तरह रेफरल अस्पताल चलाया जा रहा है.
दुमका: Jharkhand News: झारखंड की उपराजधानी दुमका में बीते चार साल से बगैर पद सृजन के ही रेफरल पशु अस्पताल चल रहा है. क्षेत्रीय पशुपालन कार्यालय संथाल परगना के एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति से किसी तरह रेफरल अस्पताल चलाया जा रहा है. दुमका-साहिबगंज मुख्य पथ पर संथाल परगना प्रमंडल के पशुपालकों की सुविधा को ध्यान में रखकर सदर प्रखंड दुमका के करीब पशु रेफरल अस्पताल की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई. लेकिन विडंबना यह कि सरकार ने एक बड़ी राशि खर्च कर रेफरल अस्पताल का निर्माण तो कराया लेकिन इसका संपूर्ण लाभ यहां के पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा है.
पशु अस्पताल भगवान भरोसे
जानवरों के इलाज के लिए यह पशु रेफरल अस्पताल पशुपालकों के लिए लाइफ लाइन है. जबकि कृषि व पशुपालन मंत्री इसी संथाल परगना क्षेत्र से आते है. संथाल परगना क्षेत्र का एक मात्र पशु रेफरल अस्पताल को छोटे से लेकर बड़े जानवरों के इलाज और जांच के लिए कीमती यंत्रों से लैस किया गया है. लेकिन इसकी उपयोगिता नहीं होने के कारण कीमती यंत्र बेकार हो रहे है. कर्मियों के अभाव में रेफरल पशु अस्पताल के अधिकांश कमरों में ताला लटका है. अस्पताल सिर्फ एक चिकित्सा पदाधिकारी, एक तृतीय श्रेणी के कर्मी और तीन चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के भरोसे ही अस्पताल चल रहा हैं
पशुपालकों को नहीं मिल रहा बेहतर चिकित्सा
संथाल परगना का एक मात्र पशु रेफरल अस्पताल में पशुपालकों के सेवा के लिए छोटे बड़े जानवरों के लिए ऑपरेशन थियेटर ,लैबोरेटरी ,सोनोग्राफी और एक्स-रे की मशीने तो है लेकिन स्पेसलिस्ट डॉक्टर की प्रतिन्युक्ति नहीं होने के कारण यह मशीन बेकार साबित हो रहे है. अस्पताल में डॉक्टर के अलावा विशेषज्ञ चिकित्सक – 09 वेटनरी ऑफिसर - 01 लेखापाल - 01 असिस्टेंट सह टंकक - 03 ओटी सहायक - 02 कंपाउंडर - 03 तकनीकी सहायक - 02 लैब सहायक - 02 एक्स-रे तकनीशियन - 01 अल्ट्रासाउंड तकनीशियन - 01 ड्रेसर - 05 प्यून - 04 एनिमल अटेंडेंट - 06 नाइट गार्ड - 04 स्वीपर - 05 की जरूरत है.
इनपुट- सुबीर चटर्जी