झारखंड सरकार की अनोखी पहल, बीमार और घायल पशुओं को फौरन मिलेगी चिकित्सा, बनेगा मुक्तिधाम
Jharkahnd News: जिस तरह मनुष्यों के इलाज हेतु 108 नम्बर डायल वाले एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है, उसी तरह दुमका में अब बीमार और घायल पशुओं के चिकित्सा हेतु एंबुलेंस काम करेगा. यह जानकारी झारखंड सरकार के पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने दी.
दुमका: Jharkahnd News: जिस तरह मनुष्यों के इलाज हेतु 108 नम्बर डायल वाले एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है, उसी तरह दुमका में अब बीमार और घायल पशुओं के चिकित्सा हेतु एंबुलेंस काम करेगा. यह जानकारी झारखंड सरकार के पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने दी. उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए एंबुलेंस के अभाव झारखण्ड सरकार पशु मुक्ति धाम भी बनाने जा रही है. जिससे पशुपालकों को पशु के मरने के बाद इधर उधर फेखना नही पड़ेगा बल्कि पूरे रीति रिवाज के साथ पशुओं को मुक्ति मिलेगी.
बीमार और घायल पशुओं को फौरन मिलेगी चिकित्सा
झारखंड सरकार के कृषि और पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पशुओं के प्रति संवेदना दिखाते हुए हमारे विभाग के द्वारा पशु चिकित्सा एंबुलेंस शुरू होने जा रहा है. यह मनुष्यों के 108 डायल वाले एंबुलेंस की तरह काम करेगा. इस एंबुलेंस में जो पशु चिकित्सक होंगे वो सूचना पाकर गांव - देहात जहां कहीं भी घायल या बीमार पशुओं को इलाज की आवश्यकता होगी , वहां मौके पर पहुंच इलाज करेंगे. लोग दिए गए नंबर पर फोन कर एंबुलेंस की सेवा प्राप्त कर सकते हैं. अगर एंबुलेंस में मौजूद चिकित्सक और कर्मियों के द्वारा गांव में ही इलाज की व्यवस्था नहीं हो पाएगी तो उसी एंबुलेंस से बीमार पशु को पशु अस्पताल पहुंचाया जाएगा और फिर उसका इलाज कर वापस गांव भेज दिया जाएगा.
पशुओं के लिए बनेगा मुक्तिधाम
मंत्री ने बताया कि इसमें राज्य और केंद्र दोनों सरकार की राशि लगाई जाएगी. वही कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने पशुपालन विभाग के आगामी कार्य योजना की जानकारी देते हुए कहा कि बहुत जल्द राज्य के सभी शहरों में पशु मुक्तिधाम की भी व्यवस्था होगी. पशुओं की जब मौत हो जाती है तो उसके शव को यत्र तत्र दफना दिया जाता है या फेंक दिया जाता है. जो मृत शरीर का अनादर तो है ही साथ ही प्रदूषण सहित कई तरह की परेशानी सामने आती है. ऐसे में सरकार ने पशु मुक्तिधाम राज्य के सभी शहरों में खोलने का निर्णय लिया है. शुरुआत में ये छह जगह खोले जा रहे हैं. जिसमें संथाल परगना प्रमंडल से देवघर या दुमका में इसकी व्यवस्था होगी.
इनपुट- सुबीर चटर्जी