Dumka: झारखंड की उपराजधानी कहे जाने वाले दुमका की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है. अपराधियों पर निगरानी रखने के लिए शहर में जो सीसीटीवी लगाए गए हैं उनमें से ज्यादातर कैमरे खराब हो चुके हैं. शहर में चार वर्ष पहले लोगों की सुरक्षा के लिए लगाए गए 28 सीसीटीवी अब किसी काम के नहीं हैं. सभी कैमरे खराब हो चुके हैं. जिसका फायदा उठाकर अपराधी खुलेआम वारदात को अंजाम दे रहे हैं.


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शहर में अगर किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो ऐसे हालत में पुलिस के पास कोई सबूत नहीं मिलता कि शहर में कब कहां क्या हो गया. घटनास्थल के आसपास के दुकानदारों के सीसीटीवी कैमरे के सहारे पुलिस जांच करती है. आए दिन दुमका शहर के अंदर छिनतई, चोरी जैसी कई घटनाएं घट रही है लेकिन पुलिस को साक्ष्य हासिल नही हो पा रहा है. 


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बता दें कि दुमका में विधायक निधि फंड के माध्यम से 5 लाख की लागत से कुछ मुख्य चोक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिसका मोनिटर जिला पुलिस कंट्रोल रूम में रखा गया लेकिन मेन्टेन्स के अभाव में धीरे-धीरे सभी सीसीटीवी कैमरे खराब होते चले गए. 


अब आलम ये है कि पूरा शहर ही बिना सीसीटीवी के असुरक्षित हो गया है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए. ताकि लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें, जिसके बाद पुलिस कप्तान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाने का नया प्रस्ताव भेजा है. इसके तहत बहुत जल्द शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बैंक, होटल और कई अहम मुख्य चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि क्राइम कन्ट्रोल में पुलिस को मदद मिल सके और लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.


(इनपुट- सुबीर)