धनबादः कर्पूरी ठाकुर की आज यानी 24 जनवरी को 100वीं जयंती है. जननायक की 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले यानी 23 जनवरी की शाम को मोदी सरकार की ओर से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा की. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को मरणोपरांत यह सम्मान देने का ऐलान किया है. 


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धनबाद में खुशी का माहौल 
कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे. वहीं इस घोषणा के बाद हर ओर खुशी का माहौल देखा जा रहा है. कर्पूरी ठाकुर को मानने वाले केक काट कर अपनी खुशी का इजहार कर रहे है. झारखंड के धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर भी कर्पूरी ठाकुर को मानने वाले लोगों ने उनकी तस्वीर पर फूल माला चढ़ाकर, केक काट कर केंद्र सरकार के इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया. 


26 जनवरी को दिया जाएगा भारत रत्न
बता दें कि 1952 में पहला विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से कर्पूरी ठाकुर ताउम्र कभी चुनाव नहीं हारे थे. दो-दो बार वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे पर पटना या फिर उनके पैतृक गांव में वे मकान तक नहीं बनवा पाए थे. उस जननायक को अब मोदी सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न देने का फैसला किया है. 26 जनवरी को उनके परिवार को दिल्ली बुलाया गया है और भारत रत्न दिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर से बात कर दिल्ली आने का न्योता दिया है. 


कर्पूरी ठाकुर को जानिए
साल 1924 में समस्तीपुर जिले के पितौंझा गांव में जन्मे कर्पूरी ठाकुर ने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव के साथ जुड़कर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक यात्रा को समाज के उत्पीड़ित वर्गों के उत्थान के लिए अटूट प्रतिबद्धता को परिभाषित किया.


इनपुट- नितेश कुमार मिश्रा 


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