बोकारो स्टील प्लांट में मजदूर की मौत, तीन दिन बाद आश्रित को मिला नियोजन पत्र
Jharkhand News: बोकारो स्टील प्लांट के अंदर काम करने के दौरान एक ठेका कर्मी मजदूर सतीश महतो की उस समय मौत हो गई थी, जब पाइलिंग का खंभा अचानक उसके ऊपर गिर गया.
बोकारो: Jharkhand News: बोकारो स्टील प्लांट के अंदर काम करने के दौरान एक ठेका कर्मी मजदूर सतीश महतो की उस समय मौत हो गई थी, जब पाइलिंग का खंभा अचानक उसके ऊपर गिर गया. जिसके बाद नियोजन की मांग को को लेकर मृतक के परिजनों व आश्रित ने शव को लेने से इनकार कर दिया और बोकारो जनरल अस्पताल के सामने धरना पर बैठ गए. धरने की तीसरे दिन यानी कि गुरुवार की देर रात को बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर से आश्रित को नियोजन का ऑफर लेटर दे दिया गया. इस दौरान बोकारो जनरल अस्पताल परिसर में काफी संख्या में राजनीतिक पार्टियों के लोग व मजदूर यूनियन के लोग मौजूद थे.
तीन दिन बाद मिला नियोजन पत्र
बीएसएल के अधिकारी जे के पटनायक ने सभी के सामने मृतक के परिजन व उसके आश्रित पत्नी व पुत्र के सामने ऑफर लेटर को पढ़कर सुनाया और उन्हें दस्तखत करवा कर ऑफर लेटर सौंप दिया. बता दें कि 3 दिन देरी होने की वजह बताया जाता है की मृतक सतीश महतो ठेका कंपनी सिमेंस लिमिटेड के अंदर काम करने वाली कंपनी में आरके ब्रदर्स में मजदूरी का काम करता था. जो मंगलवार को ए शिफ्ट ड्यूटी में बोकारो स्टील प्लांट के अंदर काम करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गए. जहां से उसे इलाज के लिए बोकारो जनरल अस्पताल लाया गया था. तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. जिस पर बोकारो सेल प्रबंधन की ओर से संदेह के आधार पर जांच टीम गठित कर इसकी जांच की जा रही थी कि मजदूर की मौत प्लांट के अंदर दुर्घटनाग्रस्त होने से हुई है या प्लांट के बाहर हुई है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में पाया गया कि मृतक मजदूर की मौत प्लांट के अंदर दुर्घटनाग्रस्त होने से हुई है. मौत के बाद मृतक के शव को 3 दिन तक मोर्चरी में रख कर नियोजन की मांग कर रहे थे.
मामले को दबाने की कोशिश
मृतक के परिजनों व आश्रित को सेल प्रबंधन की ओर से तीसरे दिन नियोजन का ऑफर लेटर दे दिया गया. वही. इस दौरान अस्पताल परिसर में मौजूद क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ एच.एम.एस सह एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि सेल प्रबंधन नियोजन देने के लिए गुमराह कर रही थी. इस कारण ऑफर लेटर देने में देरी की. वहीं ठेका कंपनी के बारे में कहा कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही थी. जिस कारण मृतक को दुर्घटना के बाद संवेदक अपनी गाड़ी में बैठा कर प्लांट मेडिकल ना ले जाने के बजाय उसे प्लांट से बाहर लेकर आ गया और उसकी मौत होने के बाद बि.जी .एच चले गये. जहां उसने कहा कि मजदूर को बाहर से लाया गया है ताकि ठेका कंपनी को मुआवजा न देना पड़े. गलत तरीके से गेट पास बनाने को लेकर भी राजेंद्र सिंह ने कहा कि ठेका कंपनी के लाइसेंस को भी रद्द कराया जाएगा.
इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा
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