झारखंड के इस गांव में पानी के लिए हाहाकार, नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हुए लोग
Jharkhand News: गर्मी के मौसम की अभी शुरुआत ही हुई है कि झारखंड में अभी से ही पानी की समस्या गहराते जा रहा है. साहिबगंज जिले में पेयजल समस्या के कारण यहां के लोग प्यास बुझाने के लिए नदी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. पूरा मामले जिले के बोरियो प्रखंड के तेलों मांझी टोला का है.
साहिबगंज:Jharkhand News: गर्मी के मौसम की अभी शुरुआत ही हुई है कि झारखंड में अभी से ही पानी की समस्या गहराते जा रहा है. साहिबगंज जिले में पेयजल समस्या के कारण यहां के लोग प्यास बुझाने के लिए नदी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. पूरा मामले जिले के बोरियो प्रखंड के तेलों मांझी टोला का है. जहां ग्रामीण बूंद बूंद पानी के तरस रहे हैं. पानी की समस्या इतनी गंभीर हैं कि यहां के लोग अगले चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं.
पानी के लिए हाहाकार
दरअसल बोरियो प्रखंड मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर तेलों पंचायत के तेलों मांझी टोला के लोग आजादी के 75 वर्ष बाद भी नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. गांव में लगभग 100 परिवार रहता है और हालत ऐसी है कि पानी के लिए ग्रामीण एक सूखी हुई नदी पर आश्रित हैं. वहीं पीएचईडी विभाग का कहना है कि विभाग द्वारा गांव में चार चापाकल लगाया गया है. जिसमें से एक चालू है और तीन खराब है. जिसे ठीक करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तेलों मांझी टोला में पानी की गंभीर संकट है.
गंदा पानी पीने को मजबूर हुए लोग
गांव की महिलाएं बताती हैं कि पानी की समस्या के कारण सभी ग्रामीण गांव नदी की गंदा पानी को मजबूर हैं. गंदे पानी को पीने से हम बीमार पड़ जाते हैं. उन्होंने बताया कि पानी की इतनी किल्लत हैं कि चिलचिलाती धूप व गर्मी में भी नदी किनारे 3 फीट गड्ढे खोदकर उस गड्ढे से बूंद बूंद पानी निकालकर परिवार की प्यास बुझाते हैं. सांसद, विधायक, मुखिया से कई बार पानी की समस्या के लिए गुहार लगाई गई हैं लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है. पानी के लिए गर्भवती महिलाएं नदी किनारे के गड्ढे से पानी निकालने के लिए 2 से 3 घंटे तक का लाइन लग कर इंतजार करती हैं. अगर पानी की समस्या दूर नहीं हुई तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
इनपुट- पंकज वर्मा