पटना: इस सरस्वती पूजा में डीजे बजाने पर कानूनी कार्रवाई का सामना आयोजकों को करना पर सकता है. पुलिस मुख्यालय ये सूचना जारी की है. पुलिस मुख्यालय ने साफ तौर पर कहा है कि जो भी पूजा आयोजक नियम का उल्लंघन करते पाये जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. 11 फरवरी को हर हाल में मूर्ति का विसर्जन अनिवार्य कर दिया गया है.


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सरस्वती पूजा में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पूरी सरकार चिंतित है. यही वजह है कि गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी के नेतृत्व में सभी जिलों के डीएम एसपी डीआईजी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग हुई. वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सभी अधिकारियों को सरस्वती पूजा को लेकर चौकन्ना और सचेत रहने की हिदायत दी गई है.


मीटिंग की जानकारी देते हुए एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने कहा कि इस सरस्वती पूजा में डीजे पूरी तरह बैन कर दिया गया है. ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर ये फैसला लिया गया है. 11 फरवरी को हर हाल में मूर्ति का विसर्जन करना अनिवार्य कर दिया गया. एडीजी हेडक्वार्टर ने कहा कि पूजा आयोजकों को हर हाल में मूर्ति बैठाने के लिए लाईसेंस लेना होगा साथ ही जुलूस निकालने के लिए परमिशन लेना होगा. सरस्वती पूजा के चंदा को रंगदारी का रूप नहीं दिया जाए इसका भी ख्याल रखा जाएगा.


चंदा वसूली के नाम पर अब तक किसी भी तरह की वारदात की सूचना नहीं मिली है. मूर्ति विसर्जन को लेकर रूट चार्ट भी निर्धारित कर दिया गया है. मूर्ति विसर्जन के लिए जो घाट सुनिश्चित किए गए हैं. वहां पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. इसके अलावा जो भी संवेदनशील इलाके हैं वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाये जाएंगे.


सरस्वती पूजा में शांति व्यवस्था को लेकर पटना के पटेल, सैदपुर हॉस्टल, बीएन कॉलेज हॉस्टल, पटना कॉलेजों के हॉस्टल में छापेमारी की गई है. उन पर निगरानी भी रखी जा रही है. सरस्वती पूजा को लेकर मुख्यालय स्तर पर मीटिंग और मॉनिटरिंग से जुड़े सवाल पर एडीजी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले विधि व्यवस्था बनी रहे और किसी भी तरह की सांप्रदायिक घटना न हो ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है.