पटना: बिहार के पटना के पीएमसीएच में लगातार जूनियर डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी है जिससें इमरजेंसी, ओपीडी, इंडोर सभी जगह काम ठप पड़ा है. अब यहां पहले से जो मरीज भर्ती हैं उनका पलायन जारी है. मरीजों का कहना है कि डॉक्टर के नहीं के कारण इलाज नहीं हो पा रहा है जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है. 


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बार-बार हड़ताल से पीएमसीएच से मरीजों का भरोसा उठने लगा है. आज तो ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह वही अस्पताल है, जहां मरीजों का लाइन लगा रहता था. इमरजेंसी से लेकर ओपीडी में सन्नाटा रहा तो कई परिजन रोते हुए अपने परिजन को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल जा रहे हैं. 


जूनियर डॉक्टर और पीएमसीएच के अधीक्षक का कहना है कि पीएमसीएच दलालों का अड्डा बन गया है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन  के अध्यक्ष डॉ शंकर भारती का  कहना है कि जब तक जूनियर डॉक्टरों की मांग को पूरा नहीं किया जाएगा. तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे क्योंकि पीएमसीएच में दलालों दलालों का अड्डा बन गया है जिसे मुक्त कराया जाए साथ ही हड्डी रोग विभागाध्यक्ष को हटाया जाए और कॉपी का पुनः मूल्यांकन किया जाए. हम भी हड़ताल पर रहना नहीं चाहते लेकिन न्याय मिलना चाहिए.


इस मसले को लेकर शुक्रवार को प्राचार्य और अधीक्षक ने बैठक की थी और अस्पताल के ऑर्थो एचओडी के खिलाफ तीन सदस्यी जांच टीम भी गठित कर दी गई थी  पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. जूनियर डक्टर की मांग को सही बता रहे हैं.


गौरतलब है कि ऑर्थो विभाग के एचओडी पर दलालों को संरक्षण देने का आरोप लगा है. हालांकि एचओडी ने भी जूनियर डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जूनियर डॉक्टरों ने धमकी दी थी अब देखना यह है कि भगवान के रूप कहे कहे जाने वाले डक्टरों का हड़ताल कब तक टूटता है.