Dumka Assembly Seat: दुमका में 2 बार हारे हैं हेमंत सोरेन, JMM के गढ़ में 'कमल' खिलाने की ताक में BJP
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Dumka Assembly Seat: दुमका में 2 बार हारे हैं हेमंत सोरेन, JMM के गढ़ में 'कमल' खिलाने की ताक में BJP

Dumka Assembly Seat Profile: स्टीफन मरांडी 1980 से 2000 तक पांच बार जेएमएम के विधायक चुने जाते रहे. 2005 में जेएमएम से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.

दुमका विधानसभा सीट

Dumka Assembly Seat Profile: झारखंड की वीवीआईपी सीटों में दुमका विधानसभा सीट भी शामिल है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित यह सीट जेएमएम का अभेद्य गढ़ समझी जाती है. यहां केवल एक बार 2014 में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में डॉ लुईस मरांडी ने जेएमएम का प्रभुत्व तोड़ने का काम किया था और हेमंत सोरेन को मात देकर पहली बार कमल खिलाया था. इस विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक छह बार स्टीफन मरांडी विधायक चुने गये हैं. स्टीफन मरांडी 1980 से 2000 तक पांच बार जेएमएम के विधायक चुने जाते रहे. इतने कद्दावर होने के बाद भी 2005 में जेएमएम ने उनका टिकट काट दिया, तो वे बगावत कर निर्दलीय ही इस सीट से खड़े हो गए और जीत भी दर्ज की.

हेमंत सोरेन को इस सीट पर दो बार- 2005 और 2014 में हार का मुंह देखना पड़ा था. 2005 में उन्हें स्टीफन मरांडी ने हराया था. उस चुनाव में जेएमएम ने उनका टिकट काट दिया था, जिससे नाराज होकर वह निर्दलीय खड़े हो गए थे. दुमका की जनता ने भी उनके प्रति खूब सहानुभूति दिखायी थी और उन्हें छठी बार विधायक चुनकर भेज दिया था. चुनाव जीतने के बाद मधु कोड़ा की सरकार में स्टीफन मरांडी को डिप्टी सीएम बनाया गया था. 2014 के चुनाव में समीकरण फिर बदल गए और मोदी लहर में बीजेपी कैंडिडेट लुईस मरांडी के सामने हेमंत सोरेन को फिर से हार का सामना करना पड़ा.

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2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन ने फिर से वापसी की और बरहेट के साथ-साथ दुमका विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव जीतने में सफल रहे थे. बाद में उन्होंने दुमका सीट को छोड़ दिया था. जिसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में उनके छोटे भाई बसंत सोरेन यहां से विधायक बने. बीजेपी ने इस बार यहां से दुमका के पूर्व सांसद सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है. वहीं महागठबंधन की ओर से अभी तक कैंडिडेट नहीं आया है. दूसरी ओर बीजेपी नेत्री लुईस मरांडी नाराज बताई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि वह बीजेपी छोड़कर जेएमएम में शामिल हो सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी को बड़ा झटका लगेगा. बता दें कि लुईस मरांडी इस सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुकी हैं, जिसमें 2014 में उन्हें जीत हासिल हुई थी.

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