Jamshedpur East Assembly Seat: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इसी के साथ दूसरे चरण के नामांकन भी खत्म हो गए है. सभी पार्टियां चुनाव जीतने की तैयारी में लगी हुई है. इस बार झारखंड में दो चरण में मतदान होंगे. वहीं जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित है और यह जमशेदपुर शहर के प्रमुख हिस्सों में से एक है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से शहरी और औद्योगिक है और झारखंड की राजनीति में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. इस सीट का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि यहां के मतदाता उद्योगों और शहरी विकास के मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं. इस सीट पर टाटा स्टील और अन्य बड़े उद्योगों का प्रभाव है, जो यहां के निवासियों के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है.


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जमशेदपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर के पूर्वी हिस्से में स्थित है, जो झारखंड का प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र है. यह क्षेत्र टाटा स्टील के प्लांट और अन्य बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों का केंद्र है, जिससे यहाँ की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर बड़ा असर पड़ता है. क्षेत्र में शहरी जनसंख्या की अधिकता है, जहां के लोग मुख्य रूप से उद्योग, सेवा क्षेत्र और व्यापार से जुड़े हुए हैं. जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर भाजपा और अन्य प्रमुख दलों का प्रभाव है। इस सीट पर कई सालों तक भाजपा का वर्चस्व रहा है. 2019 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास कर रहे थे. रघुवर दास ने लगातार पांच बार इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने रघुवर दास को हराकर बड़ा उलटफेर किया था, जिससे इस सीट पर राजनीतिक संतुलन में बदलाव आया.


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जमशेदपुर पूर्व की जनसंख्या मुख्य रूप से शहरी है और यहां विभिन्न जातियों और समुदायों का मिश्रण है, जिनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, और अन्य समाजों के लोग शामिल हैं. यहां पर प्रवासी समुदाय भी बड़ी संख्या में हैं, जिसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा के लोग शामिल हैं, जो यहाँ के उद्योगों में कार्यरत हैं. इस सीट पर बड़ी संख्या में टाटा स्टील और अन्य उद्योगों में कार्यरत कर्मचारी हैं, जो यहाँ के प्रमुख मतदाता समूहों में शामिल हैं. यह औद्योगिक क्षेत्र है, रोजगार और उद्योगों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना एक बड़ा मुद्दा है. क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की मांग है. साथ ही शहरी योजनाओं के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और कचरा प्रबंधन की भी जरूरत है. बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों की मांग यहाँ के लोगों की प्रमुख जरूरतों में से एक है. औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषण की समस्या भी यहाँ एक अहम मुद्दा है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है.


2019 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ. निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने भाजपा के रघुवर दास को हराया. सरयू राय की इस जीत ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी, क्योंकि रघुवर दास उस समय झारखंड के मुख्यमंत्री थे और उन्हें अपने गढ़ में हार का सामना करना पड़ा. रघुवर दास की हार का एक कारण स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं में नाराजगी मानी जाती है, जिसे सरयू राय ने चुनाव प्रचार में उठाया.


आगामी चुनाव में भाजपा, सरयू राय, और अन्य दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है. रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, और प्रदूषण जैसी प्रमुख समस्याएँ चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. सरयू राय ने पिछले कुछ वर्षों में क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया है, जिससे उनके पक्ष में समर्थन बढ़ सकता है, लेकिन भाजपा भी इस सीट को फिर से हासिल करने के लिए पूरी कोशिश करेगी. जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट का झारखंड की राजनीति में अहम स्थान है, और इसके चुनाव परिणाम राज्य के राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं. यहां के स्थानीय मुद्दे जैसे रोजगार, बुनियादी सुविधाओं का विकास और प्रदूषण किसी भी उम्मीदवार की जीत या हार में अहम भूमिका निभाते हैं.


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