Bilaspur News: समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा घुमारवीं में एपीड योजना के तहत निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर का आयोजन हुआ. प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने झंडूता व घुमारवीं से संबंधित 142 पात्र लोगों को करीब 11 लाख रुपये के सहायता उपकरण वितरित किए.
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Bilaspur News: सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा बिलासपुर जिला के घुमारवीं में एपीड () योजना के तहत दिव्यांग जनों के लिए निःशुल्क कृत्रिम अंग व उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने इस शिविर में मुख्यरूप से शिरकत की और झंडूता व घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से सम्बंधित 142 पात्र लोगों को करीब 11 लाख रुपये के उपकरण व कृत्रिम अंग वितरित किये.
वहीं, इस दौरान मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में दिव्यांगजनों की असेसमेंट के बाद एक लिस्ट बनाकर पात्र लोगों को आज निशुल्क कृत्रिम अंग व सहायता उपकरण वितरित किये गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा की तीन दृष्टि बाधित ऐसे लोग हैं जिन्हें कि 100 प्रतिशत दिखाई नहीं देता. उनके लिए ऐसा डिजाइन मोबाइल फोन किया गया जिससे सुनकर वह सामान्य जीवन जी सकते हैं. जो उन्हें वितरित किये गए हैं.
इसके अलावा व्हील चेयर, कान की मशीन, छड़ी, ट्राईसाइकिल व कैलीपर भी वितरित किये गए हैं. वहीं मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश के एक सीआरपीएफ जवान जो कि छत्तीसगढ़ में घायल हुए थे और उनकी दोनों ही टांगे क्षतिग्रस्त हो गयी थी. उनके घर के लिए आने जाने का रास्ता किसी झगड़े की वजह से बंद है. उसको लेकर वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर प्रदेश के जितने भी दिव्यांगजन जो कि व्हीलचेयर के सहारे चलते हैं और उनके घरों के लिए आने जाने के लिए रास्ता नहीं है. उनके लिए कानून व बजट में विशेष प्रावधान कर उनके घरों तक पक्का रास्ता बनाया जाने की बात रखेंगे.
ऐसा होने से ही इस तरह के शिविरों के आयोजन का लाभ सभी दिव्यांगजनों को मिल पाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि वह जल्द मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्ताव रखेंगे, जिसमें इन दिव्यांगजनों के घरों के लिए पक्का रास्ता बनाने में अगर कोई निजी भूमि अड़चन बनती तो उसके लिए कानून में संसोधन करने व नया कानून बनाने की जरूरत है तो इस दिशा में भी कदम उठाया जाएगा.
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बिजली सब्सिडी छोड़ने के अभियान में अपना सहयोग करते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने नववर्ष पर अपनी बिजली सबसीडी छोड़ने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक व पूर्व सांसद सहित क्लास वन ऑफिसर्स की बिजली सब्सिडी खत्म कर दी गई थी और यह अभियान लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए चलाया गया और सरकार ऐसे लोगों को जो कि बिजली बिल भुगतान में सक्षम व साधन संपन्न है और उन्हें सबसीडी की आवश्यकता नहीं है.
उनकी बिजली सबसीडी खत्म कर दी गयी है ताकि सब्सिडी का फायदा केवल उन लोगों को मिले जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और सब्सिडी देने में अक्षम है. साथ ही सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम को आवश्यक करार देते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि अगर सरकार सम्पन्न लोगों की बिजली सब्सिडी खत्म नहीं करती तो एक समय ऐसा आ जायेगा जब प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी खत्म करनी पड़ जाएगी. इसलिए सरकार केवल उन्हीं लोगों की बिजली सब्सिडी खत्म कर रही है जो साधन संपन्न है और सब्सिडी अदा कर सकते हैं.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर