चाईबासा: Chaibasa Lok Sabha Election 2024: झारखंड के चाईबासा में आज मंगलवार को झामुमो की सिंहभूम प्रत्याशी जोबा मांझी ने नामांकन पर्चा दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ सीएम चम्पई सोरेन, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक निरल पूर्ति, सुखराम उरांव, सोनाराम सिंकु, झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य सहित अन्य मुख्य रूप से मौजूद थे.


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जोबा मांझी ने पश्चिम सिंहभूम के जिला निर्वाचन पदाधिकारी कुलदीप चौधरी को अपना नामांकन पर्चा सौंपा. मनोहरपुर की विधायक जोबा माझी ने नामांकन परचा दाखिल करने से पहले अपने दिवंगत पति और जल जंगल जमीन के प्रणेता देवेन्द्र माझी के आवासीय समाधी स्थल पर फुल माला चढ़ाये और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद जोबा मांझी ने चाईबासा के कांग्रेस भवन से लेकर खुटकट्टी मैदान तक रैली की. रैली में झामुमो के अलावे कांग्रेस और आरजेडी के नेता कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे. रैली में पोस्टर बैनर लगाकर समर्थक जोबा मांझी के नेतृत्व में जमकर नारे लगाए. रैली में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ज्यादा भीड़ देखने को मिली.


यह रैली खुटकट्टी मैदान में पहुंचकर एक चुनावी जनसभा में तब्दील हो गयी. मंच पर सीएम चम्पई सोरेन के अलावे झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी के वरिष्ठ नेता महागठबंधन की प्रत्याशी जोबा माझी के साथ मौजूद थे. इसके बाद जोबा मांझी ने जिला समाहरणालय जाकर अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया. इसके बाद मंच पर वापस लौटते ही जोबा मांझी ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर हमले किये. जोबा मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार दलित शोषित गरीब आदिवासियों का हक और अधिकार छीनने का काम करती है. ऐसी सरकार को हटाने के लिए महागठबंधन को जिताना होगा. सिंहभूम की भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को लेकर कहा गया उन्होंने जनता के वोट का अपमान किया और विरोधी दल से मिल गयी. इसका भी जवाब जनता इस लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा को देगी.


कल्पना सोरेन ने कहा कि सिंहभूम आन्दोलन की धरती रही है. जहाँ से अंग्रेजों को खदेड़ कर देश को अंग्रेजी हुकुमत से आज़ादी दिलाने वाले वीर योद्धा पैदा हुए हैं. अब इस देश को इस लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार में बैठे ऐसे लोगों को से मुक्ति दिलाना है जो दलित पिछड़े आदिवासी मूलवासी अल्पसंख्यक का शोषण कर रहे हैं. कल्पना सोरेन ने कहा की आदिवासी पहचान को आज बहुत बड़ा खतरा हो चूका है. मणिपुर की घटना से तो रूह भी कांप उठती है.


जहां आदिवासियों की इजत लुटी गयी, नरसंहार हुआ और मणिपुर जल रहा था लेकिन केंद्र सरकार चुप बैठी थी. हमने आदिवासी हो भाषा को मान्यता दिलाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा लेकिन केंद्र सरकार ने इसे गैर जरूरी काम बताकर टाल दिया. इससे पता चलता है की केंद्र सरकार आदिवासियों की कितनी बड़ी हितैषी है. इसलिए इस बार केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकना है और सिंहभूम में इंडी गठबंधन समर्थित झारखण्ड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी जोबा माझी को जितना है. कल्पना सोरेन ने सभी सिंहभूम के सभी मंत्री और विधायकों को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए कहा की हर हाल में सिंहभूम सीट में झामुमो की जीत होनी चाहिए.


वहीं सीएम चम्पई सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम आवास नहीं दिया तो हेमंत सोरेन की सरकार ने गरीबों को तीन कमरे का घर बनाने का योजना शुरू किया, इस तरह की कई योजनाएं आज झारखंड के गरीबों को मजबूत करने का काम कर रहा है. वहीं केंद्र सरकार ने कभी भी आदिवासी सरना धर्म कोड लागू नहीं किया. भाजपा वाली केंद्र सरकार आदिवासी हित की सरकार नहीं है. इसलिए झारखण्ड के सभी 14 सीटों पर झामुमो और इंडी गठबंधन समर्थित प्रत्याशी को जिताना है ताकि केंद्र की जनविरोधी सरकार को उखाड़कर फेंका जा सके. कार्यक्रम के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद बारीक़ ने झामुमो की सदस्यता ग्रहण की. सीएम चम्पई सोरेन और कल्पना सोरेन ने उनका पार्टी में स्वागत किया.


इनपुट- आनंद प्रियदर्शी


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