पटना: बिहार की बिजली कंपनी अगले साल 15 फीसदी तक बिजली की कीमत बढ़ा सकती है. बिजली कंपनियों के पास बिजली की दर में बढोतरी का प्रस्ताव आया है. इस प्रस्ताव पर बिजली की कंपनियां आमलोगों और व्यवसाइयों से भी राय लेगी. 


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लेकिन इससे पहले ही बिहार के उद्योग जगत ने बिजली की दर में प्रस्तावित बढोतरी का विरोध कर दिया है. बीआईए ने कहा है कि अगर सरकार बिजली की दरों में बढोतरी करती है तो बिहार के उद्योग धंधे बंद हो जाएंगे. खासतौर पर आयरन इंडस्ट्री को इससे नुकसान होगा.


बीआईए के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने झारखंड की तर्ज पर बिहार में भी बिजली की दरें उद्योग जगत को उपलब्ध कराने की अपील बिहार सरकार से की है. रामलाल खेतान ने कहा है कि बिजली की दर बढ़ी तो हमारा प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ेगा.


उन्होंने कहा है कि दूसरे राज्यों में कम बिजली दर का फायदा वहां के उद्योगपतियों को मिल रहा है. वहां का प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम होता है. जिसके कारण दूसरे राज्यों के उत्पाद की तुलना में हमारे प्रोडक्ट महंगे होंगे. हमारे माल नही बिकेंगे. वर्तमान में दूसरे राज्यो की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा हैं बिजली के दर. 


झारखंड में उद्योगपतियों को डीवीसी की ओर से 3 रुपये 90 पैसे में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. जबकि बिहार में ये दर 5 रुपये 45 पैसे है. अगर इसके बाद बिजली की दरें बढीं तो बिहार में उद्योगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा.