झारखंड: मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, परिवार का चला रही खर्च
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झारखंड: मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, परिवार का चला रही खर्च

फतेहपुर प्रखंड के मिर्गापहाड़ी के ग्रामीण महिलाएं मुर्गीपालन से स्वावलंबी बन रही है. यहां के 15 ऐसे परिवार हैं जो ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर मुर्गीपालन कर रही है और परिवार का खर्च चला रही हैं.

फतेहपुर प्रखंड के मिर्गापहाड़ी के ग्रामीण महिलाएं मुर्गीपालन से स्वावलंबी बन रही है.

जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा के फतेहपुर प्रखंड के मिर्गापहाड़ी के ग्रामीण महिलाएं मुर्गीपालन से स्वावलंबी बन रही है. यहां के 15 ऐसे परिवार हैं जो ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर मुर्गीपालन कर रही है और परिवार का खर्च चला रही हैं.

दरअसल इन महिलाओं को ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 90% अनुदान में चुजे और दाना दिया गया है. साथ ही इन्हें मुर्गीपालन की प्रशिक्षण भी दी गई है. अब इन मुर्गियों से अंडे भी उत्पादन कर रही है और तैयार मुर्गियों को बाजार में बेच भी रही है.

लोगों का कहना है कि पहले यह खाली समय गुजारते थे और इनका आमदनी भी काफी कम था अब मुर्गी पालन करके जहां समय का सदुपयोग हो रहा है वही मुर्गीपालन से इनकी आमदनी बढ़ी है.

ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े विप्लव चक्रवर्ती ने बताया कि फतेहपुर प्रखंड के बांदरनाचा पंचायत के 38 लाभुकों का चयन हुआ है, जिसमें 17 लाभुकों ने मुर्गीपालन का काम शुरू कर दिया है. जिन्हें ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 50-50 चूजे दिए गए हैं. आनेवाले दिनों में बचे लाभुकों को भी चूजे और मुर्गी का दाना दिया जाएगा.