पटना: जेडीयू ने दो नेताओं हरिवंश नारायण सिंह और रामनाथ ठाकुर को फिर से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. दोनों की सामाजिक पृष्टभूमि सामाजवाद से जुड़ी रही है. दोनों को मंजा हुआ राजनेता माना जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बता दें कि रामनाथ ठाकुर बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं, तो हरिवंश पूर्व पीएम चंद्रशेखर के प्रेस सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. उनकी गिनती देश के चुनिंदा पत्रकारों में की जाती है.


रामनाथ ठाकुर का जन्म 3 मार्च 1950 को समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम में जन्म हुआ. रामानाथ ठाकुर पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. 17 मई 1973 को उनकी शादी आशा रानी से हुई. रामनाथ ठाकुर तीन बेटियों के पिता हैं. उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है और पेशे से किसान हैं.


1988 में पहली बार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए. 1995 में लालू प्रसाद की कैबिनेट में बिहार के गन्ना मंत्री के रूप में काम किया. 2000 में फिर से विधानसभा का चुनाव जीता. 2005 में जब नीतीश कुमार की सरकार बनी, तो रामनाथ ठाकुर को राजस्व मंत्रालय समेत तीन विभागों की जिम्मेदारी मिली. कानून और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्रालय का काम भी संभाला.


2014 में रामनाथ ठाकुर राज्यसभा के लिए चुने गए. वहां पर कृषि विभाग की संसदीय समिति में काम किया. लोहिया और जेपी से रामनाथ ठाकुर प्रभावित रहे हैं. पिता कर्पूरी ठाकुर को आदर्शों को मानते हैं. एक दर्जन से ज्यादा बार अहिंसक आंदोलन की वजह से जेल गए हैं. कबड्डी और फुटबाल रामनाथ ठाकुर के पसंदीदा खेल हैं. दोनों में खुद भी भाग लेते हैं.