Bahraich: बहराइच में कितनी हिन्दू मुस्लिम आबादी, हिंसा के बीच क्यों लगातार सुर्खियों में है नेपाल सीमा से सटा ये जिला
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Bahraich: बहराइच में कितनी हिन्दू मुस्लिम आबादी, हिंसा के बीच क्यों लगातार सुर्खियों में है नेपाल सीमा से सटा ये जिला

Bahraich: बहराइच जिला बीते कुछ दिनों से सुर्खियां बना हुआ है. नेपाल सीमा से सटे इस जिले का बड़ा हिस्सा घने जंगल से घिरा है. इसकी गिनती प्रदेश के सबसे गरीब जिलों में की जाती है.

Bahraich history.

Bahraich: पहले आदमखोर भेड़िया, फिर बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के हत्यारों और अब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन में हिंसा को लेकर बहराइच सुर्खियों में है. नेपाल सीमा से सटे बहराइच का काफी बड़ा इलाका घने जंगल और नदियों का है. दुर्गम हालातों के साथ ये यूपी के सबसे गरीब जिलों में भी शुमार होता है. बॉर्डर एरिया होने के कारण अपराधी भी यहां पनाह लेने की फिराक में रहते हैं. यहां करीब 34 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जबकि बाकी आबादी हिन्दुओं की है.

बहराइच की कुल जनसंख्या
साल 2011 की जनगणना के अनुसार बहराइच जिले की कुल जनसंख्या 34 लाख 90 हजार है. इसमें पुरुषों की आबादी 18 लाख 40 हजार (53 फीसदी) और 16 लाख 40 हजार महिलाएं (47 प्रतिशत) हैं. धार्मिक लिहाज से देखें जिले में हिंदुओं की कुल आबादी 66 प्रतिशत है जबकि जिले में 34 फीसदी मुस्लिम भी रहते हैं. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 15 प्रतिशत है. लिंगानुपात पर नजर डालें तो यहां 1000 पुरुषों पर 892 महिलाएं हैं. यहां की 49 फीसदी आबादी ही साक्षर है. इसमें 58 प्रतिशत पुरुष और 39 फीसदी महिलाओं की आबादी साक्षर है.

बहराइच में कितनी विधानसभा
बहराइच जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें महासी, बहराइच, मटेरा, नानपारा और बल्हा शामिल हैं. इसमें एक धानसभा सीट बल्हा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इनमें मटेरा में समाजवादी पार्टी का कब्जा है, यहां मरिया शाह विधायक हैं. जबकि तीन सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं. बहराइच में अनुपमा जायसवाल, महसी में सुरेश्वर सिंह और बाल्हा में सरोज सोनकर विधायक हैं. इसके अलावा एक सीट नानपारा में अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा है. यहां से रामनिवास वर्मा विधायक हैं.

बहराइच का इतिहास
बहराइच प्राचीन समय में ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध था. इसे गंधर्व वन के हिस्से के रूप में भी जाना जाता था. आज भी जिले के सौ वर्ग किलोमीटर के उत्तर पूर्व क्षेत्र में जंगल से ढंका है. कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने इस वन क्षेत्र को ऋषियों और साधुओं की पूजा के स्थान के रूप में विकसित किया था. इसलिए इस स्थान को 'ब्रह्माच' के रूप में जाना जाता है. मध्य युग में कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार, यह जगह “भर” राजवंश की राजधानी थी. इसलिए इसे  'भारिच' कहा जाता था, जो बाद में  बहराइच के रूप में जाना जाने लगा.

कैसे पहुंचें बहराइच
बहराइच की अन्य शहरों से कनेक्टिविटी अच्छी है. यहां का मेगा टर्मनस 65 किलोमीटर दूर गोंडा में है, जो लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा, कानपुर जैसे शहरों से जुड़ा है. यहां यूपी रोडवेज बसों का संचालन होता है. बहराइच रेलवे नेटवर्क से नई दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता आदि से जुड़ा है. बहराइच का नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ है. जिसकी बहराइच से दूरी करीब 144 किलोमीटर है.

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