छपराः बिहार के छपरा में हुई जहरीली शराब से मौत के बाद जहां उत्पाद विभाग पूरी तरह से चौकस हो गई है और शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ छापेमारी तेज कर दी हैं. उत्पाद विभाग दलबल के साथ विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर अवैध शराब के लिए संचालित भट्टियों को नष्ट कर रही हैं.  


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लोगों में उत्पाद विभाग टीम का खौफ 
वहीं इस छापेमारी में उत्पाद विभाग के इस अभियान में एक और जहां आसमान से निगरानी करने के लिए ड्रोन कैमरे का उपयोग किया जा रहा है. वहीं इस अभियान में खोजी डॉग का भी उपयोग किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक दोनों की मदद से झाड़ियों में छिपाकर रखें जावा महुआ को बरामद किया जा रहा है. जिससे उत्पाद विभाग को काफी सफलता प्राप्त हो रही है और अवैध शराब के कारोबार करने वाले लोगों में एक खौफ पैदा करने में कारगर साबित हो रहा है.


खुले आम फलफूल रहा अवैध शराब का कारोबार
हालांकि सवाल ये उठाना लाजमी है कि एक ओर जंहा उत्पाद विभाग शराबबंदी को सफल बनाने के लिए छापेमारी कर रही है तो वहीं स्थानीय थानों में चल रहे इस कारोबार की भनक तक नहीं है और थाना क्षेत्र में खुले आम अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है जो एक बड़ा सवाल पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं. जबकि स्थानीय थाना को अपने क्षेत्र में सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त होती है तो वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में तैनात चौकीदार से भी जानकारी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध है, फिर भी इलाके में कई अवैध शराब की भट्टियों का संचालन किया जा रहा है. क्या बिहार पुलिस उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब छपरा और अन्य जगहों पर हुई जहरीली शराब से मौत का तांडव नृत्य इलाके में होगा. उसके बाद ही एक्शन में आएगी या फिर शराबबंदी कानून की व्यवस्था से पूरी तरह से अवगत नहीं है. इसलिए कार्रवाई करने में कोताही बरती जा रही हैं.


बहराल जो तस्वीर सामने आ रही हैं उससे तो साफ ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में शराबबंदी का कोई भी असर नहीं है क्योंकि जिस तरह से शराब के कारोबार फलफूल रहा है वो कहीं न कहीं शराबबंदी को फेल साबित कर रही हैं. 


इनपुट- जय प्रकाश कुमार


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