मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी के नरीरगिर में हुए ईट भट्ठा दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है. मरने वालों में ईंट भट्ठा के दोनों पार्टनर भी शामिल है. यूपी के प्रतापगढ़ के मजदूर आए थे जहां भठ्ठी में आग लग गई थी. कल रात इलाज के क्रम में अनिल की मौत सदर अस्पताल में हो गई. वहीं ईट भट्टा के पार्टनर की मौत पटना के एम्स में हुई है. अभी भी दो लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. 


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23 दिसंबर को हुई थी घटना
बता दें कि पूरी घटना परसो शाम 23 दिसंबर की है. जहां मोतिहारी के नरीरगिर में एक ईंट भट्ठा में आग लगाने के दौरान विस्फोट हो गया था. गनीमत यह थी कि आग लगने के दौरान मछली भात का आयोजित भोज में बहुत कम लोग पहुंचे थे. पिछले वर्ष इसी भट्ठे पर आग लगाने के बाद हुए भोज में दो हजार लोग शामिल हुए थे. लेकिन इस बार कम लोगों को बुलाया गया था. अन्यथा हादसा और भी बड़ा हो सकता था. घटना के बाद एफएसएल की टीम डॉग स्क्वायड की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया कि विस्फोट के पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं है. 


डीएम ने दिए जांच के निर्देश 
एफएसएल की टीम और डॉग स्क्वायड की टीम को क्या कुछ मिला अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है. स्थानीय लोगों की माने तो जो कोयले का प्रयोग हुआ था, वह सही नहीं था और भट्टा का चिमनी पहले से क्रेक था. घटना के पीछे की असली वजहों की पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी. घटना के बाद डीएम ने जिले भर के ईट भट्टे की जांच करने का निर्देश दिया है. 


बता दें कि जिस ईंट भट्ठा में हादसा हुआ है, उसके पास वैध कागजात नहीं थे. जिले में 300 से ज्यादा ऐसे ही ईंट भट्ठे है जो अवैध ढंग से आज भी संचालित हो रहे है. ईंट भट्ठे संचालन के लिए प्रदूषण विभाग से CTO और CTE, SIEEA सर्टिफिकेट, माइनिंग परमिट, GST का प्रोफेशनल टैक्स, GST रजिस्ट्रेशन, लेबर लाइसेंस इत्यादि का होना आवश्यक होता है. यह सभी कागजात चंद ही ईंट भट्ठा के पास मिल सकेगा.


इनपुट- पंकज कुमार


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