गया: बिहार के गया में विश्व पितृपक्ष मेला 2024 चल रहा है. यहां पर पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए देसी ही नहीं, विदेशी भी पहुंच रहे हैं. जर्मनी, रूस, नाइजीरिया सहित कई अन्य देशों के लोग यहां आए हुए हैं. यहां आकर उन्होंने सनातन धर्म के अनुसार, अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. इनमें कई ईसाई और मुस्लिम हैं, लेकिन सनातन धर्म से प्रभावित होकर वे पिंडदान कर रहे हैं. देव घाट पर विभिन्न देशों से आई विदेशी महिला तीर्थ यात्रियों ने पिंडदान किया. विदेशी महिलाएं भी भारतीय परिधानों में थीं. पुरुषों ने धोती पहना हुआ था. इन्हें देखकर लग नहीं रहा था कि वे विदेशी हैं. गया में पूर्वजों को पिंडदान कर सभी बेहद प्रसन्न नजर आए.


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स्थानीय पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने कहा कि करीब 15 विदेशी तीर्थयात्री यहां पहुंचे हैं. देव घाट पर सभी ने पितरों का पिंडदान किया है. इन लोगों ने सनातन धर्म में विश्वास जताते हुए पिंडदान कर्मकांड किया है. कई लोगों ने अपने माता-पिता, तो कई ने बेटे और पत्नी को लेकर पिंडदान किया. सनातन धर्म में इनका विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि इन लोगों ने पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदान किया है. नाइजीरिया के विष्णु ने बताया कि पिंडदान करने के लिए वह गया पहुंचे हैं. उनके साथ और भी कई मित्र आए हुए हैं.


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गया के पिंडदान के बारे में उन्होंने सुना था. ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी सोच के साथ वह गया पहुंचे हैं. गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेला आयोजित किया जा रहा है. यह मेला 2 अक्टूबर तक चलेगा. यहां देशभर से लोग अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए पहुंच रहे हैं. एक आंकड़े के अनुसार, इस बार यहां पर करीब आठ लाख से ज्यादा लोग पहुंचे हैं.


इनपुट- आईएएनएस


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