कैमूरः कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड के चिलबिली पंचायत के गजराढी मौजा में मनरेगा के तहत सफाई का कार्य कराया जा रहा है ,लेकिन इस कार्य में ना तो कार्यस्थल पर एस्टीमेट बोर्ड ही दिखाई दिया और ना ही वहां के स्थानीय मजदूरों को कार्य दिया गया. इस कार्य को करने के लिए कार्यस्थल से 7 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव अमिरथा से लेबर को बुलाया गया और उन्हीं के द्वारा वहां सफाई का कार्य किया जा रहा है. इससे मनरेगा के स्थानीय मजदूरों में काफी रोष है. सरकार मनरेगा के तहत सभी मजदूरों को उनके गांव में ही काम देने का गारंटी देती है जिससे कि वह मनरेगा में कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें, लेकिन विभाग के इस नजर अंदाज के कारण गजराढी गांव के ग्रामीण खासा नाराज हैं. गजराढ़ी गांव के ग्रामीणों को मनरेगा में कार्य नहीं मिलने से उन्हें दूसरे कार्यों में नगर पंचायत कुदरा का रुख करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी परेशानी होती है. 


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चहेते लोगों को ही काम पर रखने का आरोप
पिछले 3 दिनों से चल रहे चिलबिली पंचायत के गजराढी मौजा में बाहा सफाई के कार्य पंचायत रोजगार सेवक के अनुसार 65 मजदूरों को लगाया गया है लेकिन इन मजदूरों में एक भी गजराढी गांव के मजदूर को नहीं रखा गया. बल्कि उस गांव से 7 किलोमीटर दूर से मजदूरों को मजदूरी कराने को लाया गया. इससे विभाग के मनसा को समझा जा सकता है कि मनरेगा में मजदूरी देने को लेकर विभाग कितना अग्रसर है. ग्रामीणों की मानें तो मनरेगा में चहेते लोगों को ही विभाग काम पर रखता है, जिससे कम काम करा कर ज्यादा दिन का कार्य वेबसाइट पर लोड कर पैसे का बंदरबांट कर लिया जाता है. ऐसे आरोप विभाग पर कई बार लगते रहे हैं. जिसका खामियाजा गरीब तबके के काम करने वाले मजदूरों को भुगतना पड़ता है जिन्हें हकीकत में काम तो नहीं मिल पाता और काम के लिए दर-दर भटकना पड़ता है.


ऑनलाइन अपलोड होती है अटेंडेंस
अमिरथा के मजदूर ओम प्रकाश राम बताते हैं कि हम अमीरथा गांव के रहने वाले हैं. गजराढी मौजा में मनरेगा के तहत बाहा सफाई का कार्य कर रहे हैं. जो गजराढी रेलवे लाइन से कार्य किया जा रहा. पंचायत रोजगार सेवक मुकेश कुमार बताते हैं गजराढ़ी मौजा में मनरेगा के तहत बाहा सफाई का कार्य चल रहा है. जहां 65 मजदूर इस सफाई कार्य में लगे हुए हैं. मनरेगा पदाधिकारी गजेंद्र कुमार बताते हैं मनरेगा के तहत गजराढी मौजा में बाहा सफाई का कार्य चल रहा है जो पिछले 3 दिनों से जारी है, 65 मजदूर कार्य कर रहे हैं. वेंडर को योजना का बोर्ड देना होता है जिस कारण योजना का बोर्ड अभी तक नहीं मिलने से कार्यस्थल पर नहीं लगाया गया है. मस्टररोल मजदूरों के काम मांगने के आधार पर निकलता रहता है. इस मस्टररोल में यह मजदूर कार्य कर रहे हैं. अगर कोई काम आगे मांगता है तो दूसरे मस्टररोल में उनको कार्य दिया जाएगा. मजदूरों की संख्या को लेकर पंचायत रोजगार सेवक वहां उनका अटेंडेंस करते हैं जो ऑनलाइन अपलोड किया जाता है.