गया : गया जिले के गझण्डा गांव में दिवाली के दिन आहर में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई. दोनों बच्चो की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया. गांव में किसी ने भी अपने घर की चौखट पर दीया जलाकर दिवाली तक नहीं मनाई. डूबने वाले बच्चों की पहचान रामशरण सिंह रवानी के 10 साल के बेटे पिंटू कुमार और राधेलाल वर्णवाल के 11 साल के बेटे श्रुतम कुमार के रूप की गई है. 


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क्या है पूरा मामल
बता दें कि दिवाली के मौके पर पूजा के लिए कमल का फूल तोड़ने आहर गये दो बच्चों की नदी में डूबने से मौत हो गई. बता दें कि सोमवार की सुबह लगभग आठ बजे दोनों बच्चे गांव के लेम्बो आहर से कमल के फूल तोड़ने की बात कह कर घर से निकले थे. कमल तोड़ने के दौरान दोनों बच्चे गहरे पानी में चले गए और दोनों की डूबने से मौत हो गई. बच्चे काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों की चिंता बढ़ गयी. उन्होंने काफी देर तक खोजबीन की. फिर जाकर पता चला कि दो बच्चे आहर में डूब गये हैं. परिजन भागे भागे वहां पहुंचे. बच्चे के शव को बरामद किया.


बच्चों की मौत से फैल गया सन्नाटा
दोनों बच्चों की डूबने से मौत की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया. बता दें कि जब बच्चे डूब रहे थे तो किसी ने नहीं देखा. लोग गांव भर में दोनों बच्चों को ढूंढते रहे लेकिन कोई नहीं मिला. शव जब नदी दिन में तैरता मिला तो गांव वाले नहीं के पास पहुंच गए और दोनों बच्चों के शव को निकाल लिया. इस हादसे के बाद पूरे गांव में सन्नाटा फैल गया.


गांव वालों ने नहीं मनाई दिवाली
दोनों बच्चो की मौते के बाद किसी ने भी दिवाली नहीं मनाई. पूरे गांव में दिवाली का उजाला अंधेरे में बदल गया. दिवाली के दिन हुई इस घटना से लोग इतने दुखी हुए कि पूरे गांव में किसी ने त्योहार नहीं मनाया. किसी के घर दीया नहीं चला. गांव के कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले. पूरा गांव इस हादसे से मातम में डूबा हुआ है.


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