इस बार अमेरिका की होली बिहारी रंगों वाली, ऐसे चढ़ेगा सब पर बिहार का हर्बल रंग, जानें कैसे
होली के त्योहार का जश्न देश ही नहीं विदेशी में भी लोगों को मस्ती से सराबोर कर देता है. यही वजह है कि दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोग इस त्योहार को मनाते हैं.
गया : होली के त्योहार का जश्न देश ही नहीं विदेशी में भी लोगों को मस्ती से सराबोर कर देता है. यही वजह है कि दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोग इस त्योहार को मनाते हैं. इस त्योहार की विशेषता है कि इस दिन लोग केवल और केवल एक ही रंग में रंगे नजर आते हैं वह है उल्लास का रंग, उमंग का रंग, सदभावना का रंग, भाईचारे का रंग. ऐसे में इस त्योहार को हिंदू ही नहीं लगभग हर जाति के लोग मनाते हैं और इस त्योहार को सभी पसंद भी करते हैं.
ऐसे में हम आपको सात समंदर पार अमेरिका में होली क कैसे बिहार से सीधा कनेक्शन है यह बताने जा रहे हैं. दरअसल इस बार बिहार के बने रंग से अमेरिका के लोगों के चेहरे रंगीन होंगे. या यूं कहें कि बिहार का कलर इस बार अमेरिकियों के चेहरों पर चढ़ेगा. ऐसा कहने की वजह क्या है हम आपको समझाते हैं. बिहार के बने हर्बल रंग और गुलाल से इश बार अमेरिका में होली खेली जाएगी. मतलब अमेरिका की होली इस बार बिहार के रंगों वाली होगी. यहां गया के महाबोधि और विष्णुपद मंदिर में अर्पित फूलों से बने हर्बल गुलाल के संग होली का रंग जमेगा.
भारत और अमेरिका की सरकार के संयुक्त पहल पर गया में यह हर्बल गुलाल तैयार किया गया है. जिसे अमेरिका भेजा गया है.ऐसे में होली में इसी हर्बल गुलाल का इस्तेमाल वहां लोग करेंगे. भारतीय मूल के लोगों के लिए यह गुलाल भेजा गया है. ये गुलाल दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास के माध्यम से भेजा गया है. गया में इस गुलाल का निर्माण महिलाओं के द्वारा किया गया है जिसकी डिमांड देश में तो है हीं इसे अमेरिका जैसे देशों में भी खूब पसंद किया जाता है. इस गुलाल से त्वचा पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. पर्यावरण परिवर्तन की वजह से अमेरिका और भारत की सरकार की तरफ से संयुक्त पहल पर यह गुलाल वहां भेजा गया है.
इस गुलाल को तैयार करने के लिए गया के जंगली इलाकों की महिलाओं को खास ट्रेनिंग मिली है. वहां के स्थानीय बताते हैं कि यह पूरी तरह से केमिकल फ्री हर्बल कलर है. यह फूलों के रस से तैयार किया जाता है. यहां भारी मात्रा में हर्बल गुलाल महिलाओं ने बनाया है. आपको बता दें कि महिलाओं को इससे अच्छा खासा मुनाफा भी हुआ है. यहां के लोग बताते हैं कि एक किलो गु्लाल पर प्रॉफिट 150 से 200 रुपए तक का है. फूलों के अलावा साग से भी गुलाल तैयार किया गया है. आपको बता दें कि गुलाल लाल, पीला और हरे रंग का है.