यूक्रेन की महिला ने गया में किया युद्ध में मारे गए लोगों का पिंडदान, दिया शांति का संदेश
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यूक्रेन की महिला ने गया में किया युद्ध में मारे गए लोगों का पिंडदान, दिया शांति का संदेश

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में फरवरी 2022 से अब तक मारे गये सैनिकों और नागरिकों की आत्मा की शांति तथा उनके मोक्ष के लिए यूक्रेन की एक महिला ने यहां एक मंदिर में ‘पिंडदान’ किया .

 (फाइल फोटो)

Gaya: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में फरवरी 2022 से अब तक मारे गये सैनिकों और नागरिकों की आत्मा की शांति तथा उनके मोक्ष के लिए यूक्रेन की एक महिला ने यहां एक मंदिर में ‘पिंडदान’ किया . हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि जो लोग 'पितृ पक्ष' के दौरान गया में पिंडदान करते हैं उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से छुटकारा मिल जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

 

पितृ पक्ष की शुरूआत इस साल 29 सितंबर से हुयी है. इसकी 16 दिनों की अवधि में हिंदू अपने पूर्वजों का श्राद्ध एवं तर्पण तथा पिंडदान करते हैं . यूक्रेनी महिला यूलिया ने संवाददाताओं से कहा, 'यह दूसरा मौका है जब मैं पिंडदान करने आई हूं. मैं पिछले साल भी इस अवधि के दौरान अपने माता-पिता की आत्मा की शांति एवं मोक्ष के लिये यहां आई थी.' 

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध निश्चित तौर पर समाप्त होना चाहिए, उन्होंने कहा कि वह यहां शांति का संदेश फैलाने के लिए आई हैं. युलिया ने इस्कॉन प्रचारक लोकनाथ गौड़ की मदद से पिंडदान किया . गौड़ ने कहा, ‘यूलिया सनातन धर्म में दृढ़ विश्वास रखती हैं . उन्होंने गया और पितृ पक्ष के दौरान यहां पिंडदान करने के महत्व के बारे में बहुत अध्ययन किया है.'  यहां के विष्णुपद मंदिर में प्रतिवर्ष पितृ पक्ष मेले का आयोजन किया जाता है. हर वर्ष, दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान करने के लिए मंदिर में आते हैं. 

(इनपुट भाषा के साथ)

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