गढ़वा: पूरा झारखंड इन दिनों सूर्य देव का प्रकोप झेल रहा है. गर्मी का आलम ये है कि कई इलाकों में लोगों को बूंद-बूंद पानी के तरसना पड़ रहा है. झारखंड के गढ़वा जिले में भी पानी की समस्या देखने को मिल रही है. भीषण गर्मी के बीच जिले में अब पानी की किल्ल्त शुरू हो गई है. पानी के लिए यहां के लोग नदी-नाले पर निर्भर हैं, जिसके सूखने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.


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झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में बहने वाली कनहर नदी गोदरमाना के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस नदी को जीवनदायिनी के नाम से जाना जाता है. गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही इस नदी के सूखने से ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है. गोदरमाना में कई चापाकल, जल मीनार भी खराब पड़ा हुआ है. पानी लेने के लिए लोगों को एक से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में जाना पड़ता है. लगभग 35 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल विभाग द्वारा पानी टंकी का काम धीरे-धीरे होने के चलते इस साल भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है.


पानी की समस्या के कारण बच्चे भी दूसरी जगह से पानी लाने को मजबूर हैं, जिसके चलते उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. कनहर नदी के सूखने के बाद लोग अब नदी में चुवाड़ी खोद कर पानी पीने और नहाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन इन लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं. स्थानीय निवासी असीम अंसारी ने बताया कि नदी सूखने के बाद कई सालों से हम लोग नदी में चुवाड़ी खोद कर नहा रहे हैं. गांव में कई ऐसे चापाकल हैं जो खराब हो चुके हैं. चुनाव के समय पानी की समस्या दूर करने की बात जरूर कही जाती है, लेकिन होता कुछ नहीं है.


इनपुट- आईएएनएस


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