Garhwa: पहले नक्सली बनकर अब मुखिया बनकर गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के दूधवल में आदिवासी महिला के साथ बलात्कार और धर्म परिर्वतन के लिए दबाव बनाने के आरोप लगा है. गढ़‌वा न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रंका थाना को दिया है. यह मामला रंका थाना क्षेत्र का है. जिसमें आरोपी दूधवल पंचायत का मुखिया मो. इजहार अंसारी, नदीम अंसारी और सुल्ताना प्रवीण हैं. तीनों रंका थाना क्षेत्र के थाना मोड़ निवासी हैं, जिनके खिलाफ 35 साल की दुधवल ग्राम निवासी एक महिला ने न्यायालय में परिवाद पत्र संख्या 972/2024 दाखिल किया. मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायिक दण्डाधिकरी प्रथम श्रेणी अनुलिका कुमार की आदालत ने रंका थाना को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.


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महिला ने अपने परिवाद पत्र में आरोप लगाया है कि 300 घरों वाली मेरी बस्ती में मैं एकमात्र आदीवासी महिला हूं. बाकी लोग विशेष समुदाय की श्रेणी से आते हैं. आरोप पत्र में कहा गया है कि मो. इजहार अंसारी जो वर्तमान में दुधवल पंचायत का मुखिया है. उसने साल 2003 में 14 वर्ष की उम्र में जबरन घर में घुसकर हथियार के बल पर नक्सली होने का भय दिखाकर बलात्कार किया, तब से लेकर अक्टूबर 2023 तक जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा. इस दौरान उसका तीन बार गर्भपात कराया गया. 


आरोपी पीड़िता को अपने समुदाय में शादी नहीं करने की धमकी देते हुए इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बनाता रहा. उसने धमकी दिया कि ऐसा नहीं करने पर उसे जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल देगा. आरोपियों के इस कृत्य से तंग आकर पीड़िता ने रंका थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक गढ़वा, पुलिस उपमहानिरीक्षक पलामू और मानवाधिकार आयोग न्यू दिल्ली, महिला आयोग रांची, पुलिस महानिरीक्षक रांची को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां से निराशा होने के बाद उसने गढ़वा न्यायलय में परिवाद पत्र दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है.


इसकी जानकारी मिलने के बाद झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए गढ़वा के स्थानीय नेता सह पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी को दुष्कर्म पीड़िता के घर भेजा. साथ ही मामले की जांच करने का निर्देश दिया. पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी पीड़िता के घर पहुंचे. 


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उन्होंने पीड़िता को हर संभव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया. वहीं, पीड़िता और उसकी परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात किया. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से भी मौके से ही बात किया. जब तक पुलिस पीड़िता के घर नहीं पहुंची, तब तक पूर्व विधायक वही पर बैठे रहे. साथ ही पूर्व विधायक ने कहा कि आदिवासी हित की बात करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी तंत्र आज कहां है.


रिपोर्ट: आशीष प्रकाश राजा


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