केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान और बिहार सरकार के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से दोनों इस कदर प्रभावित हुई कि भीख मांगकर अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कर एक मिसाल पेश कर रही हैं.
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गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज सदर प्रखंड के कोंहवा पंचायत को खुले में शौच से मुक्त किया गया है. वहीं, इस मौके पर डीएम ने दो ऐसी महिलाओं को सम्मानित किया, जो भीख मांगकर अपना परिवार चला रही हैं. ये स्वच्छ भारत अभियान से इस कदर प्रभावित हुई कि भीख मंग कर घर में पहले शौचालय का निर्माण करवाया. अब दोनों महिलाओं के घर में शौचालय है. उन्हें अब शौच के लिए घर की दहलीज से बाहर नहीं जाना पड़ता.
55 वर्षीय मेहरून खातून और 60 वर्षीय जगरानी देवी भीख मांग कर परिवार का गुजारा करती है. केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान और बिहार सरकार के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से दोनों इस कदर प्रभावित हुई कि भीख मांगकर अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कर एक मिसाल पेश कर रही हैं.
पंचायत में नजीर पेश करनी वाली इन दोनों महिलाओं को डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने पंचायत को ओडीएफ घोषित करने के मौके पर न सिर्फ सम्मानित किया, बल्कि आम लोगों से भी इस पर अमल करने की अपील की. डीएम ने दोनों महिलाओं को माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
सम्मानित होने के बाद मेहरून खातून ने बताया कि वे भीख मांगकर अपना परिवार चलाती है. आजतक उन्हें कभी सम्मान नहीं मिला था. लोग उन्हें नफरत की निगाह से देखते थे, लेकिन आज सम्मानित होने के बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. उन्होंने कहा कि सामान मिलता है, लेकिन इज्जत नहीं मिलती. इसलिए वह भीख मांग कर शौचालय का निर्माण करवाई है.
मेहरून खातून की तरह इसी पंचायत की जगरानी देवी ने भी भीख मांग कर शौचालय का निर्माण करवाया है. जगरानी देवी को ढंग से हिंदी और भोजपुरी बोलने भी नहीं आती. लेकिन जगरानी ने अपनी कार्यशैली से लोगों के लिए मिसाल पेश की है.