गोपालगंज: Bihar HIV AIDS: बिहार के गोपालगंज में स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते 50 बच्चों को लाइलाज बीमारी से बचा लिया है. गोपालगंज जिले में 31 सौ लोग एचआईवी पॉजिटिव है. पिछले वर्ष जांच के दौरान 58 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव निकली. जिनका इलाज एआरटी सेंटर में शुरू हुआ और 58 महिलाओं ने 58 बच्चों को जन्म दिया जो बिल्कुल स्वस्थ हैं. बच्चों की समय-समय पर जांच की जा रही है. 


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एड्स से पीड़ित 58 महिलाओं ने दिया बच्चों को जन्म
एआरटी सेंटर की काउंसलर पूनम ने बताया कि गर्भावस्था के पहली तिमाही में यदि पता चल जाए कि गर्भवती महिला एचआईवी पॉजिटिव है तो उनका इलाज शुरू कर दिया जाता है. पिछले वर्ष 58 एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था. एआरटी सेंटर से बच्चे की स्वास्थ्य जांच की जाती है. बच्चे की 18 माह तक निगरानी की जाती है. उसके बाद कन्फर्मेशन टेस्ट किया जाता है. सभी बच्चे स्वस्थ हैं. यदि गर्भवती महिलाओं में समय से एचआईवी का पता चल जाए तो स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है.


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वहीं बीते दिन पश्चिम चंपारण के बेतिया में 20 गर्भवती महिलाएं सहित 30 बच्चे पॉजिटिव पाए गए थे. जिससे जिले में हड़कंप मच गया था.अगर बात करें तो वर्ष 2023 की तो उसमें 394 लोग एचआईवी संक्रमित मिले थे. जिनमें 218 पुरुष, 144 महिला, 02 ट्रांसजेंडर, 08 फीमेल तथा 22 मेल बच्चे शामिल थे. 


वहीं बेतिया में इस वर्ष में अगस्त महीने तक ही 306 संक्रमित मिल चुके हैं. जिनमें 184 पुरुष, 99 महिला, 01 ट्रांसजेंडर, 12 फीमेल तथा 11 मेल बच्चे शामिल हैं. वहीं लगभग 17 ऐसे संक्रमित हैं जिन्हें एचआईवी तथा टीबी दोनों का संक्रमण हैं. जहां तक पुरुष और महिला की बात है तो उसमें लगभग 20 से 25 प्रतिशत संख्या युवा वर्ग की हैं. जो भविष्य के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय बना हुआ. 


इनपुट- मधेश तिवारी, गोपालगंज


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