Banka News: बिहार में फाइलेरिया की दवा खाने से बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला जारी है. अब बांका के अमरपुर प्रखंड के मध्य विधालय गालिमपुर में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाईलेरिया की दवा खिलाने के कुछ घंटे के बाद बाईस बच्चे बीमार हो गए. सभी बच्चों को सिर दर्द एवं उल्टियां होने लगी. जिससे परिजनों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में ईलाजरत बच्चों ने बताया कि विधालय में स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा तीन गोलियां खिलाई गई थी. उन्होंने बताया कि स्कूल से छुट्टी होने के बाद जब घर गए तो अचानक सिर में तेज दर्द होने के साथ उल्टी होने लगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि बिना माता-पिता की अनुमति से बच्चो को क्यों दवा खिलाई गई? वहीं चिकित्सा प्रभारी डॉ राय बहादुर ने आक्रोशित अभिभावको को शांत कराते हुए कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है. बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर है. चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि सभी विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र समेत घर-घर पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा फाइलेरिया की दवा खिलाई जा रही है. दवा खाली पेट नहीं लेनी है. डॉक्टर ने बताया जिन बच्चों के पेट में कृमी (कीटाणु) हैं वैसे बच्चे को दवा खाने के बाद उल्टी हो जाती है. इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. बच्चे कुछ देर के बाद स्वत: ठीक हो जाते हैं.


ये भी पढ़ें- चमकी बुखार से निपटने की तैयारी शुरू, अस्पताल पहुंचाने वाले बाइक ऑनर को मिलेंगे रुपये


बता दें कि इससे पहले भी कई जिलों से इसी तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि दवा बिल्कुल सुरक्षित हैं. घबराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दवा खाने के बाद माइक्रोफाइलेरिया के नष्ट होने से ऐसे लक्षण पैदा होते हैं. डॉक्टरों की ओर से भी कहा गया है कि घबराने वाली कोई बात नहीं है. छपरा के जिलाधिकारी अमन समीर ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को यह भ्रम है कि दवा खाने से कुछ हो जाएगा. लेकिन आप सभी को पता है कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित है.