Bihar Asha Workers Strike: बिहार में पिछले एक महीने से आशा वर्करों की हड़ताल जारी है. आशा वर्कर्स द्वारा कामकाज ठप करने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. हड़ताल पर बैठीं आशा वर्करों ने अब चक्का जाम करने की धमकी दी है. जहानाबाद में पिछले एक महीना से अधिक दिनों से हड़ताल पर रहे आशा कर्मियों ने 'नीतीश-तेजस्वी यादव खोलो कान, नहीं तो होगा चक्का जाम...' और 'अभी तो यह अंगड़ाई है, आगे बहुत लड़ाई है...' के नारे लगाते हुए जहानाबाद के मुख्य सड़कों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय का भी घेराव किया. 


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जिलाधिकारी के कार्यालय का घेराव के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा ऐलान किया गया कि अगर हम लोगों की मांगे नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में चक्का जाम करेंगे. प्रदर्शन एवं घेराव में शामिल आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले 1 महीना 2 दिन से हम लोग अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. हम लोगों के द्वारा हड़ताल पर रहने से जहां टीकाकरण का कार्य बाधित हो रहा है, वहीं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका असर पड़ रहा है. बावजूद इसके सरकार के द्वारा हम लोगों के मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.


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आशा कार्यकर्ताओं का साफ तौर पर कहना था कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम लोग हड़ताल पर रहेंगे और आंदोलन को आने वाले समय में और धारदार करेंगे. आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जहानाबाद सदर अस्पताल से जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए जहानाबाद के मुख्य सड़कों से होते हुए जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष पहुंचे जहां मुख्य द्वार को जाम कर घंटों आशा कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे. नालंदा में भी पिछले 17 जुलाई से लगातार अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य आशाकर्मी संघ के बैनर तले सभी आशा कर्मी हड़ताल पर है. इस हड़ताल से लगातार स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर तब भी पड़ रहा है. 


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शनिवार (12 अगस्त) को दर्जनों आशाकर्मियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिंद के कार्यालय एवं अन्य विभागों में तालाबंदी करते हुए गीत गाकर अपना प्रदर्शन किया. इस दौरान सभी आशाकर्मियों ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध नारेबाजी भी की. आशाकर्मियों ने इस दौरान तालाबंदी करते हुए कई चिकित्सकों को भी बंधक बनाकर रखा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सा प्रभारी को भी आशाकर्मियों ने घेराव करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान आशाकर्मियों ने कहा कि हमारी सरकार से सभी आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा एवं 25000 वेतनमान देने की मांग लगातार कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार हमारी मांगों पर गौर नहीं कर रही है और गहरी निद्रा में सो रही है. चिकित्सा प्रभारी ने कहा कि आशाकर्मियों के आज इस प्रदर्शन से कामकाज पर भी ठप पड़ा है. ओपीडी सेवा को भी ठप कर दिया गया है. आशा कर्मियों के हड़ताल से शनिवार को एएनएम की बैठक भी बाधित रही.


रिपोर्ट- मुकेश कुमार