Chhapra News: छपरा में आईडीए की सफलता के लिए उच्च स्तरीय अनुश्रवण और मूल्यांकन को लेकर जिलाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई. जिलाधिकारी ने इस दौरान बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित है.


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जिलाधिकारी अमन समीर ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को यह भ्रम है कि दवा खाने से कुछ हो जाएगा. लेकिन आप सभी को पता है कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभावी स्तर पर पूर्ण रूप से सुरक्षित है. हालांकि, जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायत आई है, उनके क्षेत्र में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है.


डीएम ने कहा कि आप इसे आसान शब्दों में समझें तो यह है कि दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे. दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी- मोटी शिकायत हो सकती है. हालांकि, इसके जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक, जीविका, ग्रामीण विकास, नगर पालिका, जनवितरण प्रणाली, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज समेत कई अन्य के द्वारा सहयोग किया जा रहा है. 


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जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि प्रथम तीन दिन बूथ स्तर पर सुक्रत्या ऐप के अनुसार, 374489 लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया गया है. जबकि 15 फरवरी से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर खिलाया जा रहा है. वहीं, संयुक्त सचिव और जिलाधिकारी ने संयुक्त रूप से जिलेवासियों से अपील की है.


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सावधानियां
- खाली पेट में यह दवा नहीं खिलाना है.
- दवा खाने के बाद अनिवार्य रूप से एक ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए.
- दो वर्ष से कम उम्र के बच्चें, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलाना है.
- पूर्ण रूप से दवा सुरक्षित है. अतः सभी लोग इसका सेवन करें और अफवाहों से बचें. 
- डीएम ने कहा कि बुखार, सिर दर्द, शरीर दर्द, उल्टी जैसा लगना या उल्टी होने के कुछ अंतराल के बाद स्वतः समाप्त हो जाता है. 
- हालांकि, जब ऐसी उत्पन्न होती है तो संबंधित पर्यवेक्षक या रेपिड रिस्पॉन्स टीम के द्वारा इलाज किया जाता है.


रिपोर्ट: राकेश सिंह