वियतनाम से साइकिल चलाकर रांची पहुंची लंदन की हैना, कहा- 'यह सफर आसान नहीं'
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वियतनाम से साइकिल चलाकर रांची पहुंची लंदन की हैना, कहा- 'यह सफर आसान नहीं'

हेना ने कहा कि उनका उद्देश्य दुनिया के लोगों तक पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का संदेश पहुंचाना है. इसके लिए उन्हें यह तरीका काफी अच्छा लगा.

हैना 8000 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर रांची पहुंची हैं.

रांची: लंदन की हैना कर्न वियतनाम से 8000 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करते हुए रांची पहुंची हैं. जानकारी के मुताबिक, हैना ने 9 महीने पहले वियतनाम से सफर की शुरुआत की थी.लंदन की हैना कर्न के मुताबिक, विश्व भर के लोगों के चेहरे पर खुशी, पर्यावरण संरक्षण और खासकर महिला सशक्तिकरण का संदेश लेकर पूरी दुनिया के भ्रमण पर हैना हैं.

हेना ने कहा कि उनका उद्देश्य दुनिया के लोगों तक पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का संदेश पहुंचाना है. इसके लिए उन्हें यह तरीका काफी अच्छा लगा. उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों में पैसा, पावर स्टेटस को मेंटेन करने की चाहत होती है, यही उनकी उदासी का कारण भी होता है, लेकिन अगर वे इन सब से बाहर निकलकर सिर्फ जरूरतों के हिसाब से जीवन जिए तो वह काफी खुश रह सकते हैं.

सफर के लिए इसीलिए चुना साइकिल
हैना कर्न के मुताबिक, साइकिल से सैर पर निकलने की पीछे की बड़ी वजह पर्यावरण संरक्षण का संदेश है. वे कहती हैं कि वे लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहती हैं. ऐसे में अगर वह फ्लाइट से सफर करती तो यह उसका उल्लंघन होता है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले उसने सफर के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में सोचा था, लेकिन फिर सफर के दौरान रास्तों की समस्याओं को देखते हुए नॉर्मल साइकिल से ही सफर पर निकल पड़ी.

कई देशों से गुजरते हुए भारत पहुंचा सफर
वियतनाम की हैना ने फरवरी 2019 में अपने सफर की शुरुआत की थी, जिसके बाद सबसे पहले वह थाईलैंड पहुंची और वहां से लाओस, कंबोडिया होते हुए मलेशिया और फिर इंडिया पहुंची हैं. लेकिन इंडिया आने के बाद वह बांग्लादेश चली गई, जिसके बाद वह फिर से इंडिया आई और रांची पहुंची हैं.

रास्ते में कई जगह परेशानियों का करना पड़ा सामना
हैना कर्न के मुताबिक, अपने साइकिल के सफर के दौरान उन्हें कई जगह कई देशों में परेशानियों का सामना करना पड़ा, जहां पुरुषों द्वारा उन्हें अलग-अलग तरीके से परेशान करने की कोशिश की गई. हालांकि, कई लोगों ने उनके इस प्रयास को सराहा भी है.

यह सफर आसान नहीं
हजारों किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर रांची पहुंचने के बाद हैना कहती है कि यह सफर आसान नहीं है. इस दौरान मौसम के कारण 2 लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर आप दिमागी तौर पर इन स्थिति के लिए पहले से तैयार रहते हैं तो आपकी बॉडी भी वैसे ही रिजेक्ट करती है और परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

चैरिटी के लिए पैसा जुटाना मकसद
वियतनाम की हैना कर्न के मुताबिक, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और लोगों तक खुशी का संदेश पहुंचाने के साथ-साथ उनका मकसद चैरिटी के लिए पैसा भी इकट्ठा करना है, जिससे जिसका इस्तेमाल वह चैरिटी के लिए कर सकें.