बिहार के बाढ़ में मकसूद आलम का परिवार करीब 40 सालों से श्रद्धा और उत्साह के साथ सूप बनाता और बेचता है.
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बाढ़: आस्था के महापर्व छठ (Chhath) को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी है. छठ को लेकर सामानों की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ बाजार में देखी जा रही है.
इसका एक नजारा बिहार के बाढ़ स्टेशन चौक के पास भी देखने को मिली. यहां के सूप बाजार की चमक काफी बढ़ गई है.
इन सभी तैयारियों के बीच एक बेहद खूबसूरत तस्वीर सामने आई. जिसमें हिंदू-मुस्लिम एकता का एक शानदार नजारा देखने को मिला है.
दरअसल बाढ़ में रहने वाले मकसूद आलम का परिवार कई सालों से छठ के समय यहां सूप बेचता है. परिवार के लोग छठ पर्व पर सूप दौड़ी और बट्टा बेचने का काम करते हैं.
मकसूद आलम का कहना है कि इस बार सूप का दाम कुछ ज्यादा बढ़ गया है. सूप निर्माण सामग्री का सामान महंगा होने की वजह से सूप के बाजार पर इसका असर पड़ा है.
उन्होंने कहा कि दाम बढ़ने की वजह से बिक्री पर भी थोड़ा असर पड़ा है. लेकिन फिर भी परिवार करीब 40 सालों से श्रद्धा और उत्साह के साथ सूप बनाता और बेचता है.
आलम अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर इस व्यापार को करते आ रहे हैं. ये परिवार छठ पूजा को एक महापर्व के रूप में मानते है.
सालों से ये लोग इस व्यापार से जुड़े हुए हैं. और इनका पूरा परिवार इसी व्यापार से आगे बढ़ रहा है. अपने सामानों का संग्रह कर छठ के वक्त पूरा परिवार सूप बेचने के काम में जुट जाते हैं.
गुरुवार से उत्तरी भारत में मुख्य रूप से मनाया जाने वाला पर्व छठ का पहला दिन हैं. छठ चार दिनों तक मनाया जाता है.
ये पर्व कार्तिक मास की चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाई जाती है. इस बार यह पर्व 31 अक्टूबर से शुरू होकर 3 नवंबर तक मनाया जा रहा है.
छठ का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है एक बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में. लेकिन कार्तिक महीने में लोग भारी संख्या में इस पर्व को मनाते हैं.
यह पर्व विशेषकर संतान प्राप्ति के लिए और परिवार के सुख व समृद्धि के लिए मनाया जाता है.
Anupama Kumari, News Desk