कामरान, रांची : राजधानी रांची के इटकी प्रखंड निवासी रूफिया खातून की रविवार रात करीब 11 बजे रांची के गुरुनानक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. लेकिन परिजनों द्वारा पैसा नहीं जमा कर पाने की वजह से प्रबंधन ने शव को ही बंधक बना लिया.


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22 जनवरी 2019 को बीमार रूफिया खातून को गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल पहुंचकर सबसे पहले मरीज के परिजनों ने आयुष्मान योजना का कार्ड प्रबंधन को दिया. प्रबंधन ने आयुष्मान योजना में रजिस्टर्ड नहीं होने की बात करते हुए इस योजना के तहत इलाज करने से मना कर दिया.


मजबूरी में परिजनों ने मरीज को वहीं एडमिट कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. इलाज के एवज में अस्पताल ने तकरीबन डेढ़ लाख रुपए का बिल परिजनों को थमा दिया. महिला की मौत के बाद जब परिजन शव लेने गए तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें पैसे जमा नहीं होने के कारण शव देने से इनकार कर दिया गया. यह सुनकर परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे.


परिजनों को हंगामा करते हुए देख जी मीडिया की टीम अस्पताल प्रबंधन के पास गई, तो उन्होंने इस बाबत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को दी गई. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने फोन कर अस्पताल प्रबंधन को नियम का पालन करने की चेतावनी दी, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया.